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श्री विश्‍वकर्मा जयंती के अवसर पर सीआरपीएफ ग्रुप केंद्र में हुवे विभिन्न आयोजन

नीमच।भगवान श्री विश्वकर्मा जी को ‘सृजन और निर्माण का प्रतीक’ व श्री ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र माना जाता है  लोग इस दिन अपने औजारों, मशीनों, वाहनों और उपकरणों की पूजा करते हैं ताकि उनका कार्य सुचारू रूप से चले और सफलता मिले। यह दिन कर्मयोग का आदर्श प्रस्तुत करता है, जिसमें व्यक्ति अपने कार्यों के प्रति निष्ठा और समर्पण रखता है। ऐसा माना जाता है कि श्री विश्वकर्मा जी की पूजा से सकारात्मक ऊर्जा आती है और विकास के मार्ग प्रशस्त होते  हैं।  ग्रुप केंद्र सीआरपीएफ नीमच के डी.आई.जी.एस.एल.सी.खूप द्वारा ग्रुप केंद्र के ‘मोटर परिवहन प्रांगण’ में मंगलवार को शुभ मुहूर्त पर पूरे विधि–विधान एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान श्री विश्‍वकर्मा जी की प्राण-प्रतिष्‍ठा कर प्रतिमा विराजमान की गई। ग्रुप केंद्र के सभी अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों और जवानों  ने प्रतिमा की आरती उतारी और सभी वाहनों की पूजा करने के उपरांत बल की परम्‍परा के अनुसार सभी के लिए दोपहर के भोज की व्यवस्था की गई।इसके साथ ही, इस अवसर पर 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान के तहत डी.आई.जी.एस.एल.सी.खूप के साथ ग्रुप केंद्र के अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों एवं जवानों ने सीआरपीएफ के एटीसी ग्राउंड में पौधरोपण किया। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी केवल पेड़ लगाने तक की ही नहीं है, अपितु जो पेड़ हम लगा रहे हैं, हमें उनकी देखभाल एक बच्चे की तरह करने की आवश्यकता है। उन्‍होंने सभी से यह अपील करते हुए कहा कि देश के हित तथा वातावरण को और अधिक शुद्ध बनाने हेतु  'एक पेड़ माँ के नाम ' अभियान में सभी अधिक से अधिक सहभागिता निभायें तथा अधिक-से-अधिक पेड़ लगायें।इसके साथ ही दस दिन गणेश उत्सव का विधि-विधान से श्रद्धा और आस्था के साथ पूजा-अर्चना करने के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन ग्रुप केंद्र के कमांडेंट राजेश कुमार सिंह द्वारा गणपति बप्पा की प्रतिमा की पूजा-अर्चना कर धार्मिक मान्यता एवं परम्‍परा अनुसार पूरे गणपति बप्‍पा को खुशी-खुशी विदाई दी गई। इस प्रकार से  दस दिनों तक भक्तों की सेवा और पूजा-अर्चना लेने के बाद गणपति बप्पा भक्तों से विदा होकर निज लोक गमन कर गए।

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