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अक्षय नवमी के अवसर पर महिलाओं ने की आँवले के पेड़ की पूजा, व्रक्ष की छाव में बैठ किया भोजन

नीमच।रविवार को शहर सहित अंचल में अक्षय नवमी का पर्व बड़ेही हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया,अक्षय नवमी को आंवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है इसलिए महिलाए व्रत रख आंवले के पेड़ की पूजा करती है और नेवैद्य चढ़ाकर पेड़ के नीचे बैठ भोजन करती है रविवार को टीचर कालोनी स्थित मंदिर पर महिलाओं ने आँवले के पेड़ की विधिवत पूजा अर्चना की ओर परमपराओं का निर्वहन किया।मान्यता के अनुसार, आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि आंवले के पेड़ में हमेशा भगवान विष्णु का वास होता है। अमला नवमी पर लोग स्नान आदि कर ध्यान करते हैं,दान करते हैं और भगवान से अपनी सभी इच्छाओं को पूरा करने के लिए प्रार्थना भी करते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से आंवला फल पोषक तत्वों से भरपूर होता है। पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 9 नवंबर को रात 10.45 बजे शुरू हुई और अगले दिन 10 नवंबर को रात 09:01 बजे समाप्त होगी। मधु शर्मा ने बताया कि इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है और परिवार के लिए स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि की कामना की जाती है।अमला नवमी को अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है।अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है और उसकी छांव में बैठकर भोजन करने का विशेष महत्व होता है। आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है।अक्षय नवमी की पूजा में व्रत कथा का पाठ करना भी जरूरी माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद कथा का पाठ करने से धन में अक्षय वृद्धि होती है और परिवार के लोगों को आरोग्य के साथ सुख संपत्ति भी प्राप्त होती है।

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