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यूपी और बिहार की तर्ज पर नीमच में हुआ छठ पूजा का आयोजन,ग्वालटोली तलाब पर महिलाओं ने की पूजा अर्चना

नीमच। छठ का पर्व 8 नवंबर सोमवार के दिन से शुरु हो चुका है। हर वर्ष छठ का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और छठी मैया की पूजा पूरे विधि-विधान से करती हैं। इस त्योहार में जहां भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य शाम को दिया जाता है, तो वहीं छठ के आखिर दिन प्रात:काल उदयीमान सूर्य को भी अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन बच्चों से लेकर बूढ़े तक, नए कपड़े पहनते हैं और छठी मैया की पूजा में खो जाते हैं। पूरे उत्साह और जोश के साथ छठ के पर्व को देश के कोने-कोने में मनाया जाता है। वहीं, छठ के मौके पर लोग अपनों को शुभकामनाए भी भेजते हैं और अपनों के संग इस दिन को खुशी-खुशी मनाते हैं। बुधवार को नीमच के ग्वाल टोली तलाब पर भैया सेवा समिति के तत्वाधान में ग्वालटोली में निवासरत उत्तर प्रदेश और बिहार के परिवारों द्वारा चार दिवसीय छठ महापर्व उत्सव का आयोजन सोमवार से प्रारंभ हुआ आयोजन समिति द्वारा ग्वालटोली में सार्वजनिक तालाब की पाल पर स्थित छठ माता के स्थान पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए,आयोजन समिति से जुड़े सदस्य अनिल कुशवाह सहित अन्य सदस्यों ने बताया कि चार दिवसीय छठ महा उत्सव के अंतर्गत सोमवार को नहाए खाए का आयोजन प्रत्येक परिवार में हुआ इसके साथ ही महिलाओं का व्रत प्रारंभ हो गया था 9 नवंबर मंगलवार को खरना एवं 10 नवंबर यानी आज बुधवार को डूबते सूरज को अर्ध और अगले दिन 11 नवंबर को उगते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा साथ ही चार दिवसीय धार्मिक आयोजन का समापन भी किया जाएगा आयोजन के अंतर्गत 10 नवंबर को माता जी के स्थान पर दोपहर संगीत मय सुंदरकांड पाठ एवं भजनों का आयोजन किया गया।

 

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