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हरियाली अमावस्या पर शिवालयों में श्रद्धा का सैलाब,पिकनिक स्पॉट पर उमड़ा उत्साह, मालपुवे की खुशबू से महका शहर

  Neemuch

  मालव दर्शन

  July 24, 2025, 6:46 pm

नीमच।सावन माह के पावन अवसर पर गुरुवार को हरियाली अमावस्या का पर्व पूरे शहर सहित अंचल में श्रद्धा,उमंग और उल्लास के साथ मनाया गया। एक ओर जहां शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी और भोलेनाथ का विशेष श्रृंगार कर पूजन-अर्चन किया गया, वहीं दूसरी ओर इस खास दिन को प्राकृतिक सौंदर्य के साथ मनाने के लिए शहरवासी परिवार सहित पिकनिक स्पॉट्स, बाग-बगीचों और हरियाली से लबरेज स्थलों पर पहुंचे।हरियाली अमावस्या वर्षा ऋतु के बीच आने वाला ऐसा पर्व है, जो प्रकृति और अध्यात्म दोनों को समर्पित होता है। इस दिन धरती हरियाली से आच्छादित होती है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है। इसी कारण इसे प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का दिन भी माना जाता है। ग्रामीण अंचलों में इस दिन विशेष रूप से पौधारोपण की परंपरा भी निभाई जाती है।इस पावन दिन का एक प्रमुख आकर्षण होता है — मालपुआ, जो हरियाली अमावस्या की परंपरागत मिठाई मानी जाती है। मालपुवे का भगवान शिव को भोग लगाने की विशेष मान्यता है। परिवारों द्वारा घरों में मालपुआ बनाकर या बाजार से लाकर न केवल पूजा में भोग अर्पित किया गया,बल्कि इसे परस्पर बांटकर पर्व की मिठास को साझा भी किया गया।नीमच शहर के प्रमुख शिवालयों किलेश्वर महादेव, भागेश्वर महादेव, भूतेश्वर महादेव, सोमनाथ महादेव, मुक्तेश्वर महादेव मंदिरों में विशेष श्रृंगार दर्शन और विद्युत साज-सज्जा की गई। भगवान शिव को फूलों, बेलपत्र, और भस्म से सजाया गया। शाम को भव्य महाआरती के बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया। मंदिरों में आकर्षक झांकियां भी सजाई गईं, जो देर रात तक भक्तों के लिए खुले रहीं।दूसरी ओर, हरियाली अमावस्या के चलते शहरवासी बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के साथ पिकनिक स्पॉट्स जैसे नीलकंठ,सुखानंद धाम,हरक्याखाल डेम,किलेश्वर महादेव,गांधी वाटिका,सहित अन्य पिटनिक स्पोर्ट पहुंचे। वहां पेड़ों की छांव में झूले झूलते हुए, घर से लाए गए भोजन के साथ हरियाली का लुत्फ उठाया गया।इस अवसर पर प्रकृति और परमात्मा के अद्भुत समन्वय की अनुभूति हर किसी के मन में स्पष्ट देखी गई। एक ओर भक्त भोलेनाथ के चरणों में लीन दिखे, तो दूसरी ओर लोगों ने प्रकृति की गोद में बैठकर आपसी मेल-मिलाप को बढ़ावा दिया। हरियाली अमावस्या पर्व ने आस्था, संस्कृति और पारिवारिक स्नेह का अनुपम संगम प्रस्तुत किया।