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 चाइल्डलाईन ने खेल-खेल में जानी बच्चों की समस्यायें,ग्रूप कार्यक्रम के अन्तर्गत हुई खेल प्रतियोगिताए

 
नीमच।चाइल्डलाईन नीमच द्वारा बगीचा नं. 04  वार्ड नं. 13 के अन्तर्गत माह अप्रैल में निरन्तर घर-घर जाकर सर्वे कार्य किया गया एवं सर्वे के माध्यम से बच्चों की समस्यायें जानने का प्रयास किया गया। साथ ही अप्रैल माह में चाइल्डलाईन टीम द्वारा व्यक्तिगत गतिविधियां स्मॉल ग्रुप कार्यक्रम एवं 1098 जागरूकता कार्यक्रम के आयोजन किये गये। जिसमें टीम ने बच्चों के अधिकारों एवं 1098 की सेवाओं से संबंधित जानकारीयॉं प्रदान की गई। बच्चों के चेहरे तब खिले जब चाइल्डलाईन द्वारा ग्रुप कार्यक्रम के अन्तर्गत खेल प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया। खेल प्रतियोगिता के अन्तर्गत बालिकाओं में चेयर रेस, बालकों में मनोवैज्ञानिक सामाजिक समर्थन के आधार पर पेन्टिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया एवं उपस्थित बच्चों द्वारा डांस, कविता, कहानी आदि प्रतियोगिताओं में भाग लिया गया।कविता प्रतियोगिता में जिशान पिता जावेद अख्तर प्रथम रहा। जिसकों आंगनवाड़ी कार्यकर्ता संगीता गेहलोत द्वारा मेडल से सम्मानित किया गया। कविता प्रतियोगिता में द्वितीय राईनी पिता ईमरान रही। जिसको शबनम द्वारा स्केच पेन से सम्मानित किया गया। डांस प्रतियोगिता में प्रथम आतिफ पिता आरीफ रहा, जिसकों शबाना द्वारा मेडल से पुरस्कृत किया गया एवं द्वितीय बेबो पिता आजाद रही जिसकों आंगवनाड़ी सहायिका प्रेमलता भास्कर द्वारा स्केच पैन से सम्मानित किया गया। चेयर रेस में प्रथम सानिया पिता अकबर रही, जिसकों रेहाना द्वारा मेडल से पुरस्कृत किया गया एवं द्वितीय इरम कुरैशी पिता मोहम्मद शकील रही जिसकों रिहाना द्वारा स्कैच पैन से पुरस्कृत किया गया। ड्राईंग बुक के अन्तर्गत प्रथम मोईन पिता ईनायत रहा जिसको चाइल्डलाईन जिला समन्वयक व टीम द्वारा मेडल से पुरस्कृत किया गया। द्वितीय अरमान पिता अनवर रहा जिसकों नूरजा द्वारा स्कैच पैन से पुरस्कृत किया गया। इस प्रकार चाइल्डलाईन द्वारा जब बच्चों से खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया गया। तब सभी बच्चों के चेहरे खिल गये। साथ ही  चाइल्डलाइन द्वारा चाइल्डलाईन 1098 की सेवाओं से संबंधित समस्त जानकारीयां प्रदान की गई एवं 1098 पर कॉल करने पर किस प्रकार 1098 का कॉल सीधे मुम्बई कनेक्ट होता है एवं संबंधित जिले में कॉल ट्रान्सफर होकर किस प्रकार बच्चें की मदद की जाती है। इसके बारें में विस्तार से बताया गया एवं 1098 पर कॉल करने वाले कॉलर का नाम पूर्ण तरीके से गोपनीय रखा जाता है, इसके बारे में जानकारी प्रदान की गई। चाइल्डलाईन परामर्शकर्ता रंजना अहीर द्वारा बच्चों के साथ होने वाली घटनाओं को उदाहरण देकर समझाया गया।टीम द्वारा किये गये सर्वे व खेल-खेल के माध्यम से बच्चों की समस्याए जानने का प्रयास किया गया जिसके अन्तर्गत पाया गया कि एक कुपोषित बालिका के परिजनों को बालिका को एनआरसी में भर्ती करवाने के लिये समझाईश दी गई। एक घरेलु हिंसा से पीड़ित बालिका के परिजनों को समझाईश दी गई कि बालिका के साथ किसी प्रकार का हिंसक व्यवहार नही करें अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। परिजनों द्वारा सहमति दी गई कि बालिका के साथ किसी प्रकार का हिंसक व्यवहार नही किया जायेगा। दो बच्चों के परिजनों द्वारा बच्चों का छात्रावास में प्रवेश करवाने के लिये मदद चाही गई। तीन बच्चों के परिजनों द्वारा आधार कार्ड बनवानें के लिये मदद चाही गई। एक बालिका के परिजनों द्वारा बीपीएल कार्ड के आधार पर आरटीई के अन्तर्गत प्रवेश के लिये मदद चाही गई। चार बच्चों के दस्तावेज नही होने के कारण स्कूल में प्रवेश नही होना पाया गया। टीम द्वारा उक्त परिजनों से कथन, आवेदन व आवश्यक दस्तावेज लेकर आवश्यक मदद की गई। इस प्रकार चाइल्डलाईन द्वारा बगीचा नं. 04 में निरन्तर जाकर व प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों की आवश्यक मदद करने का प्रयास किया गया। बच्चों की समस्यायें जानने में अहम भूमिका टीम सदस्य सुनीता अवस्थी, आशा पाटीदार, शुभम बैरागी व राजेन्द्र शर्मा की रही। ग्रुप कार्यक्रम का संचालन सुनीता अवस्थी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता संगीता गेहलोत, आंगनवाड़ी सहायिका प्रेमलता भास्कर, चाइल्डलाईन जिला समन्वयक विकास अहीर, परामर्श कर्ता रंजना अहीर, टीम सदस्य सुनीता अवस्थी, आशा पाटीदार, वॉलण्टियर गोपाल योगी, लगभग 70 बच्चें, 40 महिला-पुरूष उपस्थित रहे।

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