नीमच।रमजान माह के तीस रोज़े पूरे होने के साथ आज सोमवार शहर में शिया दाऊदी बोहरा समाज द्वारा ईद उल फितर का पर्व उत्साह,उल्लास और उमंग के साथ मनाया गया।अल सुबह बोहरा कॉलोनी 36 न मंजिद में आमिल साहब शेख जोहेब भाई ने समाज जनो को नवाज अदा करवाई वही नीमच सिटी,बंगला न 20 बंगला न 38 ओर हुडको कालोनी मस्जिद एवं अन्य मरकज़ो में खुतबा पढ़ा गया और समाजजनो ने ईद की नमाज अदा की। मस्जिदों में ईद की रूहानी रौनक देखने को मिली समाज जन एक दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद देकर खुशी का इजहार कर ईद का जश्न मनाते नजर आए। मिस्री कैलेंडर के अनुसार रविवार को तीस वे रोज़े के साथ माहे रमजान खत्म हुआ।एक माह तक रोज़ा पूरा होने की खुशी के इज़हार को ही ईद के रूप में मनाया गया। रोज़दार अल्लाह का इस बात के लिए भी शुक्रिया अदा कर रहे थे कि ऐसी झुलसा देने वाली भीषण गर्मी में भी उन्हें रोज़े रखने की अल्लाह ने शक्ति प्रदान की और उन्हें ईद की खुशी नसीब हुई,ज्ञात हो कि इस बार ईद का त्योहार इसलिए भी खास है कि विगत 2 वर्षों से कोरोनो के चलते समाज जनो को ईद अपने अपने घरों में मनानी पड़ी थी। परंतु इस बार कोरोना की सभी बंदिशें प्रसाशन द्वारा खत्म कर दी गई है।जिसको लेकर ईद पर समाजजनों में दुगना उत्साह और जोश देखा गया।ईद उल फितर को मीठी ईद भी कहा जाता है।रस्म के अनुसार ईद के दिन घर-घर में सेवई और शीर खुरमा बनाया जाता है।जो इस त्यौहार की विशिष्ट पहचान है।इस व्यंजन को खिलाकर जीवन में और सम्बन्धों में मिठास घोलने का संदेश दिया जाता है,जिससे जीवनपर्यंत रिश्तो की मधुरता कायम रहे।सदियों से मीठी ईद का यह त्यौहार नीमच वासियों के लिए भाईचारे सौहार्द्र और सद्भाव का प्रतीक माना जाता रहा है।आज के दिन ईदी और तोहफे देने का रिवाज भी है।ईद के त्योहार पर सामर्थ्यवान समाज जन अपनी क्षमता अनुसार जरूरतमंदों की खासतौर से मदद करते है ताकि वे भी ईद मना सके। सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब की हिदायत और दुआओं तथा स्थानीय आमिल साहब शेख ज़ोएब भाई बड़वानी वाला के नेतृत्व में नीमच के बोहरा धर्मावलंबियों ने रमजान के पूरे महीने में नमाज़,तिलावते कुरान और अन्य आमाल व अरकान को पाबंदी के साथ अंजाम दिया।माहे रमजान में खासकर ईद के मौके पर बोहरा समाज के अनुयायियों के लबों पर यह दुआ मुसलसल है कि प्रत्येक हिंदुस्तानी के लिए साल का हर दिन ईद की तरह ही मसर्रत से भरपूर।