काली पट्टी बांध सवैधानिक तरीके से खरगोन घटना का किया वीरोध
नीमच।मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच शहर के ईदगाह मस्जिद से लेकर पूरे प्रदेश में ईद की नमाज पढ़ी गई।शहर काजी सद्दाम हुसैन अख्तारी ने मंगलवार को ईद मनाने का ऐलान रविवार को चांद नहीं दिखने पर किया था। मंगलवार सुबह 8.30 बजे ईदगाह पर शहर काजी सद्दाम हुसैन अख्तारी ने ईद की विशेष नमाज अदा करवाई,नवाज के दौरान खरगोन घटना को लेकर मुस्लिम समाज ने वीरोध स्वरूप काली पट्टी बांध कर नवाज अदा की।वही जामा मस्जिद सहित अन्य मज्जिदो में सुबह ईद की विशेष नमाज अदा की। ओर एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया है।घरों पर आने वाले मेहमानों को मुस्लिम समाज के लोग सिवइयों से मुंह मीठा करा रहे थे साथ ही अन्य पकवान भी खिलाएं जा रहे थे। इसके बाद मेहमानों को ईदी भी भेट की गई।माहे रमजान के तीस रोज़े पूरे होने के साथ आज मंगल वार को शहर में मुस्लिम समाज द्वारा ईद उल फितर का पर्व उल्लास और उमंग के साथ मनाया गया।मस्जिदो में खुतबा पढ़ा गया और समाजजनो ने ईद की नमाज अदा की। मस्जिदों में ईद की रूहानी रौनक देखने को मिली समाज जन एक दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद देकर खुशी का इजहार कर ईद का जश्न मनाते नजर आए। मिस्री कैलेंडर के अनुसार रविवार को तीस वे रोज़े के साथ माहे रमजान खत्म हुआ।एक माह तक रोज़ा पूरा होने की खुशी के इज़हार को ही ईद के रूप में मनाया गया।ईद उल फितर को मीठी ईद भी कहा जाता है।रस्म के अनुसार ईद के दिन घर-घर में सेवई और शीर खुरमा बनाया जाता है।जो इस त्यौहार की विशिष्ट पहचान है।इस व्यंजन को खिलाकर जीवन में और सम्बन्धों में मिठास घोलने का संदेश दिया जाता है,जिससे जीवनपर्यंत रिश्तो की मधुरता कायम रहे।सदियों से मीठी ईद का यह त्यौहार नीमच वासियों के लिए भाईचारे सौहार्द्र और सद्भाव का प्रतीक माना जाता रहा है।आज के दिन ईदी और तोहफे देने का रिवाज भी है।ईद के त्योहार पर सामर्थ्यवान समाज जन अपनी क्षमता अनुसार जरूरतमंदों की खासतौर से मदद करते है शहर काजी सद्दाम हुसैन अख्तारी ने बताया कि खरगोन की घटना को लेकर सवैधानिक तरीके से वीरोध स्वरूप काली पट्टी बांध कर नवाज अदा की गई है,इससे यह संदेश जाइए की देश की सरकार जो मुस्लिम जनो को टारगेट कर कार्यवही कर रही है यह उसका वीरोध है।