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 धनतेरस को लेकर बाजारों में दिखी खासी भीड़ शुभ मुहूर्त में हुई जमकर खरीदारी

नीमच।कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. इस ​बार यह त्योहार 2 नवंबर, मंगलवार के दिन आया है.धनतेरस के दिन से ही दिवाली की शुरुआत हो जाती है. इसके एक दिन बाद छोटी दिवाली और फिर दिवाली आती है. हिंदू धर्म में धनतेरस के दिन का बड़ा महत्व है. धनतेरस को नई वस्तुएं सोना, चांदी, कपड़े, वाहन, बर्तन आदि खरीदना काफी शुभ होता है.वही अधिकतर लोग परंपरा के अनुसार झाड़ू भी खरीदते हैं ऐसी मान्यता है कि झाड़ू में मां लक्ष्मी  का वास होता है और इसे धनतेरस पर खरीदना शुभ माना जाता है अधिकतर परिवारों में धनतेरस के दिन कोई न कोई वस्तु खरीदने का रिवाज और परंपरा है.इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि यदि धनतेरस के दिन दान किया जाए तो घर में कभी धन की कमी नहीं होती और सभी बाधाएं भी दूर होती है.शास्त्रों में कहा गया है कि समुंद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को भगवान धन्वंतरि अपने दोनों हाथों में कलश लेकर समुंद्र से प्रकट हुए थे। भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता ओर इस दिन खास वस्तुओं का दान करना काफी फलदायी होता है। मंगलवार को धनतेरस के अवसर पर नीमच के मुख्य बाजारों में काफी रौनक देखने को मिली, शुभ मुहूर्त में लोगों ने जमकर खरीदारी भी की मंगलवार को सराफा बाजार इलेक्ट्रॉनिक मार्केट दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों की जमकर खरीदारी हुई है। इलेक्ट्रॉनिक दुकान संचालक मनीष मुच्छाल ने जानकारी देते हुए बताया कि परंपरा के अनुसार धनतेरस के दिन अधिकतर खरीदारी होती है चाहे वह सोना चांदी की हो चाहे वाहनों की या इलेक्ट्रॉनिक सामान की गत वर्ष के अनुसार इस वर्ष बाजार में काफी उठाव आया है और अधिकतर व्यापारियों के चेहरे भी ग्राहकी के चलते खिल उठे हैं दोपहिया वाहन शोरूम के मैनेजर दिनेश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार दोपहिया वाहनों की खरीदारी तो बड़ी है बाजारों में विभिन्न कंपनियों की नए मॉडल के वाहन भी आए हैं वही कंपनियों द्वारा भी लुभावने ऑफर दिए गए हैं जिससे बाजारों में रोनक बड़ी है।

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