नीमच। देश के बड़े शहरों में फुटबॉल खेल के नाम से निमच को पहचाना जाता है। यहां कई फुटबॉल खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर भी नीमच का नाम रोशन कर चुके हैं।ओर कई बड़े फुटबॉल टूर्नामेंट भी इस स्टेडियम में होते आए है। आज भी कई टीमें इस स्टेडियम में फुटबॉल की प्रैक्टिस करती है परंतु नगर पालिका के उदासीनता के चलते स्टेडियम के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं यहां शाम होते ही शराब की महफिल सजने लगती है स्टेडियम के ग्राउंड,पवेलियन ओर सीढ़ियों पर शराब की टूटी हुई बोतल एवं गिलास के ढेर आसानी से देखने को मिलेंगे,जिसके कारण खिलाड़ी परेशान हो रहे हैं दरअसल नीमच का राजेंद्र प्रसाद स्टेडियम नगर पालिका की उदासीनता के चलते सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है। जिसके चलते फुटबॉल खिलाड़ियों में निराशा दिख रही है।स्टेडियम में गंदगी और कीचड़ पसरा रहताहै। रात में शराबियों का जमावड़ा भी यहां पर लगता है। जो शराब पीकर बोतल मैदान में ही फेंक जाते हैं। जिसकी वजह से खिलाड़ियों को खेलने में भी परेशानियां होती है। कांच के टुकड़ों के कारण फुटबॉल बार-बार पंचर हो जाती है।ओर खिलाड़ी भी चोटिल हो रहे है नीमच में प्रदेश स्तर का एक बड़ा स्टेडियम तो है लेकिन सुविधाओं के अभाव से यहां खिलाडियों का भविष्य दाव पर लगा हुआ है।फुटबॉल संघ अध्य्क्ष धर्मेंद्र साहू ने बताया कि राजेंद्र प्रसाद स्टेडियम मैं ग्रास ग्राउंड बनना था वह तो नहीं बन पाया परंतु फुटबॉल स्टेडियम में सुरक्षा इंतजाम नहीं होने के कारण यहां दिनभर मवेशी विचरण करते हैं इसके अतिरिक्त गंदगी फैली हुई है देर शाम यहां शराब की महफिल जमती है और वे लोग शराब की बोतलें गिलास है यही छोड़ जाते हैं जिससे खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है इसके अतिरिक्त असामाजिक तत्वों द्वारा फुटबॉल पोलकी एंगल तक चोरी कर ली गई है जैसा की विधित है नीमच का नाम देश के बड़े शहरों में फुटबॉल के नाम से मशहूर है और यहां के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर नीमच का नाम रोशन कर चुके हैं प्रशासन को इस और ध्यान देना चाहिए और फुटबॉल ग्राउंड को सुरक्षित कर यहां सुरक्षा गार्ड के साथ-साथ मेंटेनेंस भी किया जाना चाहिए ताकि खिलाड़ियों का हौसला बरकरार रहे ताकि भविष्य में यहां रास्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हो सके और फुटबॉल में पुनः नीमच का नाम रोशन किया जा सके।