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फैक्ट्री के खिलाफ ग्रामीण लामबद्ध — जहरीले केमिकल से मरी मछलियां और मवेशी, सरपंच के नेतृत्व में कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

  Neemuch

  मालव दर्शन

  November 1, 2025, 5:29 pm

नीमच। ग्राम सिमखेडा (ग्राम पंचायत चल्दु, तहसील जीरन) के ग्रामीणों में आक्रोश उस समय फूट पड़ा जब पास के ग्राम चंगेरी (जिला मंदसौर) स्थित कृपा बायोटेक कंपनी द्वारा नदी और नालों में जहरीला केमिकल छोड़ने तथा भारी वाहनों की आवाजाही से सड़कें क्षतिग्रस्त करने के गंभीर आरोप सामने आए ग्रामीणों ने इस पूरे मामले में फैक्ट्री संचालक पर कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए शनिवार को कलेक्टर कार्यालय नीमच पहुंचकर ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत चल्दु के सरपंच महेंद्र सिंह शक्तावत के नेतृत्व में कलेक्टर प्रतिनिधि को सौंपा। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि कृपा बायोटेक कंपनी, जो ग्राम चंगेरी तहसील मल्हारगढ़ (जिला मंदसौर) में संचालित हो रही है, उसने पंचायत से किसी भी प्रकार की अनुमति लिए बिना उत्पादन कार्य प्रारंभ कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि फैक्ट्री से निकलने वाला जहरीला पानी और केमिकल सीधे रेतम नदी और समीपवर्ती नालों में डाला जा रहा है, जिसके चलते जल स्रोत दूषित हो गए हैं।ग्रामीणों ने बताया कि जहरीले केमिकल के कारण तालाब की मछलियां मर चुकी हैं और दो गायों की भी मृत्यु हो चुकी है।आसपास के खेतों की फसलें सूख रही हैं और हवा में फैल रहे धुएं व केमिकल की गंध से वातावरण दूषित हो गया है। इसके अलावा, फैक्ट्री से जुड़े भारी ट्रक प्रतिदिन ग्राम सिमखेडा होकर गुजरते हैं, जिससे गांव की मुख्य सड़क पूरी तरह टूट चुकी है।ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने 31 अक्टूबर को फैक्ट्री प्रबंधन से इस विषय पर बात की, तो अधिकारियों ने कोई समाधान नहीं दिया, बल्कि उल्टा धमकी दी कि “यदि किसी ने शिकायत की, तो उसे झूठे केस में फँसा देंगे।” इस रवैये से आक्रोशित ग्रामीणों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया और फैक्ट्री पर अवैध गतिविधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की।सिमखेडा सरपंच महेंद्र सिंह शक्तावत ने बताया कि “फैक्ट्री संचालक योगेश गर्ग ने बिना पर्यावरण अनुमति के ट्रायल के नाम पर संचालन शुरू किया है। उनके कारण गांव की सड़कें टूट चुकी हैं और जहरीले अपशिष्ट से जल स्रोत दूषित हो रहे हैं। दो पशुओं की मौत और मछलियों के मरने से पर्यावरण संकट गहराया है।” उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि फैक्ट्री संचालन तत्काल रोका जाए, क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत करवाई जाए तथा प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलवाया जाए।ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उचित कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे और इसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।इस पूरे प्रकरण से स्पष्ट है कि पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण जनजीवन दोनों पर खतरा मंडरा रहा है।