नीमच। नीमच विरेंद्र कुमार सखलेचा मेडिकल कॉलेज में रेबीज कैसे होता है, ओर उसका इलाज एवं रोकथाम के लिए सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा ) मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अरविंद घंगोरिया के मार्गदर्शन में आयोजित की गई,जिसमे मुख्य वक्ता डॉ. निशांत गुप्ता एमडी (कंम्यूनिटी मेडिसिन) रहे,डॉ. गुप्ता ने अपने व्याख्यान में बताया कि डॉग बाईट एवं अन्य जानवर के काटने से रेबीज की बीमारी फैलती है। जो 100 प्रतिशत घातक रोग है। मनुष्यों में रेबीज़ लगभग हमेशा घातक नहीं होता। लेकिन शीघ्र उपचार से संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकता है। रेबीज पूरी तरह से रोकी जा सकने वाली बीमारी है, लेकिन समय पर इलाज न होने पर यह जानलेवा साबित हो सकती है।रेबीज से संक्रमित होने के बाद किसी व्यक्ति में छूने और सुनने की क्षमता प्रभावित होना, असामान्य व्यवहार, मतिभ्रम, हाइड्रोफोबिया (पानी का डर) और अनिद्रा (नींद में कठिनाई) जैसे गंभीर परिणाम नजर आ सकते हैं,जो उसे कोमा में ले जा सकते हैं और मौत का कारण बन सकते हैं। डॉ. गुप्ता ने बताया की जिला चिकित्सालय नीमच में इसकी रोकथाम के लिए रेबीज के इंजेक्शन सिविल सर्जन डॉ. महेंद्र पाटिल के मार्गदर्शन मैं निशुल्क लगाए जाते है। आयोजित सीएमई मे 100 से अधिक डॉक्टरों, नर्स एवं अन्य लोगो ने भाग लिया एवं रेबीज के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।