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नीमच-सिंगोली सड़क मार्ग हुआ गड्डों में तब्दील

दुर्घटनाओं की आशंकाएँ बढ़ी 

सिंगोली(माधवीराजे)।नीमच-सिंगोली सड़क मार्ग गड्डों में तब्दील होने की वजह से बारिश के दिनों में दुर्घटनाओं की आशंकाएँ बढ़ गई है।मध्यप्रदेश सरकार एक ओर जहाँ नित नई नई सड़कों का निर्माण कर रही है और सम्बंधित जनप्रतिनिधियों द्वारा भी श्रेय लेने में पीछे नहीं छूट रहे हैं वहीं जिला प्रशासन द्वारा भी मुख्य सड़कों के रखरखाव पर ध्यान देने की बात को गम्भीरता से लिया जा रहा है लेकिन जिला मुख्यालय नीमच को जोड़ने वाला सिंगोली सड़क मार्ग अपनी दुर्दशा पर आँसु बहाते बहाते गड्डों में तब्दील हो गया है जबकि साल भर पहले करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित रतनगढ़ घाट सेक्शन निर्माण की गुणवत्ता के अभाव में पूरी तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है और जनप्रतिनिधियों के मुँह पर ताले लटके हुए हैं।धन्यवाद के पात्र हैं नीमच-मन्दसौर-जावरा संसदीय क्षेत्र के सांसद सुधीर गुप्ता जिन्होंने गत वर्ष नीमच जिला योजना समिति की बैठक में नीमच जिला प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में रतनगढ़ घाट निर्माण की अनियमितता एवं गुणवत्ता का मुद्दा उठाया।इसके अलावा और कहीं से भी आवाज नहीं उठाई जा रही है कि रतनगढ़ घाट निर्माण में लगभग 42 करोड़ रुपए खर्च किए जाने के बाद भी निर्माण गुणवत्तापूर्ण नहीं होने की वजह से आये दिन घाट के बड़े बड़े पत्थर खिसक रहे हैं एवं मिट्टी धँस रही है जिसके चलते भविष्य में कभी भी बड़ी दुर्घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है जो आमजन के जीवन को संकट में डाल सकता है लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को इन सब से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं दिखाई दे रहा है।जनप्रतिनिधियों की तो यह हालत है कि स्वयं की चापलूसी और खुद की प्रशंसा के अलावा कुछ अन्य सुनना पसंद ही नहीं करते।सार्वजनिक क्षेत्र की समस्या से सम्बंधित बात करने पर उल्टे सार्वजनिक रूप से डाँट दिया जाता है और अधिकारियों का तो कहना ही क्या जब तक कोई अनहोनी नहीं होती तब तक उनकी निद्रा भंग ही नहीं होती।उल्लेखनीय है कि लगभग 80 किमी की लंबाई वाले इस मुख्य सड़क मार्ग की हालत दिनों दिन बद से बदतर होती जा रही है क्योंकि इस मुख्य सड़क मार्ग पर जगह जगह बड़े बड़े गड्डे निर्मित हो गए हैं जिनमें पानी भर जाता है और ऐसे हालातों में दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ जाती है लेकिन लोक निर्माण विभाग सहित प्रशासनिक अधिकारियों और जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने इस गम्भीर समस्या का समाधान करने के बजाय इससे मुँह मोड़ लिया है क्योंकि सड़क पर बने गड्डों को भरने के लिए पेच वर्क भी नहीं किया गया है जिससे इस मार्ग पर से गुजरने वाले राहगीरों की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है।नवनिर्मित रतनगढ़ घाट या गड्डों में तब्दील सड़क मार्ग पर किसी तरह की बड़ी दुर्घटना कारित होने से पहले ही मामले की गम्भीरता को समझते हुए जिला प्रशासन द्वारा तत्काल मामले पर संज्ञान लेते हुए जनहित में उचित कदम उठाए जाने चाहिए अन्यथा लोग परेशान होते रहेंगे और दुर्घटनाओं को रोकना भी किसी के वश में नहीं रहेगा।इस सड़क मार्ग पर भी दड़ौली व मोरवन से नीमच की ओर लगभग 20-25 किमी सड़क की सबसे ज्यादा हालत खराब हो गई है जिसमें सड़क कम और गड्डे ज्यादा दिखाई दे रहे हैं फिर भी जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए हैं।समय रहते प्रशासन नहीं चेता तो वह दिन दूर नहीं जब इस सड़क मार्ग की दुर्दशा को सुधारने के लिए आम जनता को सड़कें जाम करने पर मजबूर होना पड़ेगा और इसके लिए जिम्मेदार होगा निष्क्रिय पड़ा प्रशासन तंत्र।

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