नीमच। सीपीएस पद्धति के विरोध में मध्यप्रदेश और राजस्थान के किसान मंगलवार को एक बार फिर आंदोलन पर उतरे इस बार किसानों के साथ विपक्षी पार्टी कांग्रेस का पूरा समर्थन रहा कांग्रेसी नेताओं के नेतृत्व में सभी किसान पहले फवारा चौक एकत्रित हुए और यहां से रैली निकालकर सभी किसान राजस्व कॉलोनी स्थित नारकोटिक्स कार्यालय पहुंचे जहां पहले किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन एवं कांग्रेसी नेताओं द्वारा सीपीएस पद्धति को लेकर अपने अपने विचार व्यक्त किए इसके बाद सभी किसान नारकोटिक्स कार्यालय के मुख्य द्वार पर एकत्रित हो गए और अंदर जाने को लेकर संघर्ष करने लगे लंबे इंतजार के बाद नारकोटिक्स के डीएनसी द्वारा मात्र किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए हामी भरी गई जैसे ही प्रतिनिधिमंडल के लिए दरवाजे खोले गए वैसे ही किसानों ने भी अपना शक्ति प्रदर्शन कर दरवाजे के अंदर जाने का प्रयास किया परंतु मौके पर मौजूद पुलिस द्वारा चुनिंदा लोगों को ही कार्यालय के अंदर प्रवेश दिया गया। इस दौरान किसान एक ज्ञापन भी लेकर आए थे जिसमें उन्होंने बताया सीपीएस पद्धति से खेती करने से पोस्ता की मात्रा प्रति आरी कम होगी जो कि इस फसल से आय का मुख्य स्त्रोत है फसल के उत्पादन में हजारों मजदूर चीरा लगाने का कार्य करते हैं वह बेरोजगार हो जाएंगे इस क्षेत्र में होने वाली अफीम फसल में मार्फिन उच्च क्वालिटी की एवं अधिक मात्रा में होती है इसलिए अफीम का प्रति किलो भाव तुरंत बढ़ाया जाए वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री ने पूरे देश को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सभी फसलों पर लागू करने की घोषणा की थी पर स्थानीय सांसद की निष्क्रियता के चलते अफीम फसलों को बीमा योजना में शामिल नहीं किया गया है जिसे तुरंत बीमा योजना में शामिल किया जाए पिछले दिनों क्षेत्र में हुई बारिश एवं ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा उत्पादक किसानों को शीघ्र दिया जाए फसल में उत्पादन किसानों की कई बार तुरंत विभागीय राहत की आवश्यकता होती है इसलिए नारकोटिक्स कमिश्नर को आने वाले छोटे छोटी समस्याओं के समाधान का अधिकार दिया जाए किसानों ने यह ज्ञापन वित्त मंत्री के नाम नारकोटिक्स अधिकारी को सोपा है साथ ही सीपीएस पद्धति खत्म करने व खेतो में खड़ी अफीम फसल पर चीरा लगाने की मांग की ।