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मंदिर की भूमि पर लगी फसल काटने ओर मंदिर पर पुजारी नियुक्त करने की मांग,ग्रामीणों ने कलेक्टर को सोपा ज्ञापन

नीमच।जिले के ग्राम हथुनिया में मंदिर की कृषि भूमि पर अवैध अतिक्रमण  की शिकायत के मामले में आज बड़ी संख्या में ग्रामीण ओर समाज जन कलेक्टर कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने मंदिर की कृषि भूमि पर समाज का अधिपत्य और फसल काटने का अधिकार समाज को देने के संदर्भ में एक ज्ञापन प्रेषित किया जिसमें बताया गया कि तहसीलदार रामपुरा द्वारा प्रकरण में अपने कार्यालयीन पत्र दिनांक 02 दिसम्बर 2021 को प्रतिवेदन प्रस्तुत कर देवेन्द्र पिता सत्यनरायण सुतार द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत क्रं. 15815337 दर्ज करना बताते हुए ग्राम कड़ीखुर्द निबासी व्यक्ति द्वारा केशवराव मंदिर की कृषि भूमि मौजा हतुनिया पर अतिक्रमण कर अवैध कब्जा किया जा रहा है उक्त शिकायत पर से केशवराव मंदिर की भूमि भूमि सर्वे नं. 220,221 22,225,231,232 कुल रकबा 6.870 हे भूमि पर सुन्दरलाल और राधेश्याम द्वारा सरसों, इसबगोल, धनिया व चना बोया गया होना बताया गया है एवं दिनांक 01-02-2021 के स्थगन होने से उक्त मंदिर पर कोई पुजारी नियुक्त नहीं है ऐसा भी उल्लेख किया गया है उक्त प्रतिवेदन के आधार पर 29-03-2021 को प्रारंभिक आदेश पारित करते हुए मौजा हतुनिया स्थित कृषि भूमि पर रिसीवर नियुक्त कर दिया गया है जिसके संबंध में वास्तविकता यह है कि कलेक्टर द्वारा की अपील 15/अपील/20-21आदेश दिनांक 18-11-2021 रामपुरा स्थित भगवान केशवराव मंदिर पर वर्तमान में कोई भी शासकीय पुजारी नियुक्त नहीं है उक्त आदेश के पश्चात मंदिर के पुजारी का पद आज दिनांक तक रिक्त है मंदिर की भूमियों पर पूर्व में करीबन 30-35 वर्षों से प्रहलाद पिता धनश्याम सुतार व आत्माराम पिता भोनिराम सुतार एवं के पश्चात् मंदिर कैलाश सुतार और गोपाल सुतार व देवेन्द्र पिता सत्यनारायण सुतार द्वारा कब्जा कर अवैध रूप से फसल लेते चले आ रहे थे जिनकी शिकायत सुतार समाज के रजिस्टर्ड समिति के अध्यक्ष राधेश्याम पिता नाथूलाल सुतार द्वारा करने पर उक्त शासकीय मंदिर की भूमियाँ शासन द्वारा दिनांक 30-052017 को उक्त भूमियों का आधिपत्य समाज के जागरूक अध्यक्ष के आवेदन पत्र से शासन का कब्जा करवाया गया इस प्रकार सुतार समाज के अध्यक्ष व समिति द्वारा हमेशा उक्त शासकिय मंदिर व मंदिर की भूमियों की सुरक्षा की चिंता की है एवं उनके द्वारा उचित देखरेख भी की जाती रही है जिसका उल्लेख स्वयं कलेक्टर ने अपने आदेश दिनांक 18-11-2021 में स्पष्ट रूप से किया गया है ऐसी स्थिति में मौजा हतुनिया स्थित भूमियों पर फसल समाज के अध्यक्ष व कार्यकारिणी द्वारा मंदिर व्यवस्था हितार्थ बोई गई है जिसमे करीबन 4 लाख रूपये का खर्चा उक्त भूमि को हांकने व जोतने, खाद बिच निंदाई गुड़ाई में किया गया है।प्रारंभिक आदेश पारित किये जाने से पूर्व एवं मौजा पटवारी व तहसीलदार रामपुरा द्वारा कोई भी मौखिक व लिखित सुचना नहीं दी गई है एवं सीधे आकर मौजा पटवारी द्वारा अपने आप रिसीवर मानते हुए फसल काटना शुरू कर दिया गया है जो कि अप्राकृतिक कृत्य है किसी भी व्यक्ति के खिलाफ आदेश पारित की जाने के पूर्व उसे सुनवाई का अवसर दिया जाना न्याय के प्राकृतिक सिद्धांतो के अनुसार है। यह पत्र किसी भी दशा में न्यायिक नहीं हो सकती उक्त शासकीय मंदिर पर मौजा रामपुरा में सर्वे नं. 170 नये नं. 123, सर्वे नं. 71 नये नं. 124, सर्वे न. 167 नये नं. 127, सर्वे नं. 164 नवे नं. 43, सर्वे नं. 165 नये नं. 144 कुल सर्वे नं. 51.143 हे. मौजा नाली में सर्वे नं. 58/2 नया नं. 1.202 स्थित है। उक्त भूमियों पर मोजा पटवारी द्वारा अतिक्रमण कर फसल बोने के संबंध में न तो कोई पंचनामा दिया गया व न ही तहसीलदार रामपुरा के समक्ष कोई प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है इसी से स्पष्ट है कि तहसीलदार रामपुर व मौजा पटवारी द्वारा फर्जीवाड़ा करते हुवे उक्त शासकीय मंदिर की भूमियों पर मौजा रामपुरा व नाली के संबंध में कोई कार्यवाही प्रतिवेदित नहीं की गई है। ऐसी स्थिति में मौजा हतुनिया स्थिति भूमि जिससे कि उक्त मंदिर का रखरखाव व पूजा अर्चना की व्यवस्था वर्तमान में भी समाज की कार्यकारिणी द्वारा की जा रही है। उक्त भूमि पर फसल समाज की कार्यकारिणी द्वारा बोई गई जिसका रखरखाव मंदिर के लिए किया जाना है ज्ञापन में मांग की गई है कि प्रारंभिक आदेश को निरस्त करते हुए मौजा हतुनिया की कृषि भूमि पर खड़ी फसल को समाज की कार्यकारिणी द्वारा काटी जाकर उसकी आय को मंदिर के रखरखाव में उपयोग किये जाने हेतु आदेश पारित किया जाए।
 

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