नीमच। हमेशा सुर्खियों में रहने वाले जिला चिकित्सालय में गुरुवार को एक बार फिर विवाद ओर हंगामे की स्थिति बन गई।यहां नयागांव से बीती रात 2:00 बजे के लगभग डिलीवरी के लिए अपने परिजनों के साथ आई एक महिला रात भर परेशान होती रही।जिसे सुबह होने के बाद ड्यूटी डॉक्टर के अधीनस्थ कर्मचारी महिला नर्स ने जाच के बाद ड्यूटी डॉक्टर को फोन पर महिला की स्थिति बताई जिसपर महिला चिकित्सक ने बिना देख फोन पर ही रेफर करने की सलाह दे डाली।जिसके बाद मौके पर हंगामे की स्थिति बन गई।हंगामा होते देख अन्य चिकित्सक व ड्यूटी डॉक्टर भी मौके पर पहुची जहा महिला की जांच के बाद महिला को रेफर कर दिया गया।बताया जा रहा है कि गुरुवार को सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक महिला चिकित्सक डॉक्टर सुजल गुप्ता की ड्यूटी थी परंतु वह बिना बताए अन आफ़ियशल तरीके से अपने ड्यूटी समय 8 बजे की बजाय 11 बजे जिला अस्पताल पहुची थी।जिसके कारण डिलेवरी के लिए आई महिला परेशान होती रही,ज्ञात हो कि डॉकटर सुजल गुप्ता द्वरा पूर्व में भी फोन पर अधीनस्थ कर्मचारियों को इलाज बताने के कारण गलत इंजेक्शन लगाने से महिला की मौत भी हो चुकी है।वही आज गुरुवार को महिला चिकित्सक डॉक्टर सुजल गुप्ता द्वरा वही तरीका अपनाया गया था।परंतु हंगामा होते देख चिकित्सक गुप्ता तत्काल हॉस्पिटल पहुची।जिसके बाद महिला को रेफर कर दिया गया।उक्त मामले में पीड़ित महिला के परिजन अभिषेख गुप्ता ने जान कारी देते हुवे बताया कि बीती रात 2:00 बजे के लगभग वह उसकी पत्नी शिवानी गुप्ता उम्र 29 वर्ष निवासी नयागांव को नीमच जिला चिकित्सालय डिलीवरी के लिए लेकर पहुंचा था परंतु यहां रात में चिकित्सक नहीं होने के कारण किसी ने उनकी देखभाल नहीं की सुबह होने के बाद जिला अस्पताल में मौजूद नर्सों द्वारा शिवानी का चेकअप किया गया और ड्यूटी चिकित्सक को फोन पर महिला की स्थिति से अवगत कराया गया।जिस पर ड्यूटी चिकित्सक द्वारा उसे रेफर करने की सलाह दी गई चिकित्सक 11:00 बजे तक हॉस्पिटल नहीं पहुंचे थे उसके पूर्व ही नर्सों ने रेफर पर्ची पर हमारे साइन करवा लिए थे चिकित्सकों द्वारा शिवानी के फ्लेटलेट बॉर्डर लाइन पर होना बताएं जिसके कारण उन्होंने हमें मंदसौर रेफर किया लेकिन मंदसौर भी हमें भर्ती नहीं किया गया और वहां से चिकित्सकों ने इंदौर के लिए रेफर किया है जिला अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों द्वारा हमें सही सलाह नहीं दी गई जिसके कारण हम परेशान होते रहे।
उक्त मामले में सिविल सर्जन ए के मिश्रा ने बताया कि शिवानी गुप्ता के प्लेटलेट बॉर्डर लाइन पर थे जिसका उपचार यहां नहीं हो सकता था इसलिए उन्हें रेफर किया गया है वही चिकित्सक के समय पर उपस्थित नहीं होने की बात है तो उस मामले में हमने रोस्टर बना रखा है यदि ड्यूटी चिकित्सक समय पर ड्यूटी पर नहीं पहुंचे हैं तो दिखवाते है उचित कार्रवाई की जाएगी।
क्या होता है प्लेटलेट-
चिकित्सको के अनुसार प्लेटलेट्स हमारे शरीर की ऐसी कोशिकाएं होती हैं जो ब्लड को बहने से रोकती है. शरीर में किसी इंजरी या अन्य कारण से वेसल्स से ब्लीडिंग होने पर प्लेटलेट्स की मदद से ब्लड को रोका जाता है. लो प्लेटलेट्स की संख्या नियमित शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है. यदि किसी स्थिति में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी या वृद्धि होने लगता है तो कई तरह की बीमारियाँ होना शुरू हो जाती हैं. आमतौर प्लेटलेट्स की कमी समस्या का कारण बनती है.प्लेटलेट्स डैमेज टिश्यू को ठीक करने के साथ ही ब्लडिंग होने से रोकता हैं. इस होमियोस्टेसिस के रूप में भी जाना जाता है. प्लेटलेट्स ब्लड में मौजूद एलेमेंट्स होते हैं, जो पानी के समान द्रव और कोशिकाओं से बनी होते हैं. इन सेल्स में ऑक्सीजन को ले जाने वाली रेड ब्लड सेल्स भी होता हैं।प्लेटलेट्स ब्लड में मौजूद माइक्रो पार्टिकल्स होते हैं जिनको मेडिकल चेकअप के दौरान देखा जाता है. शरीर पर चोट लगने के बाद ब्लड में मौजूद प्लेटलेट्स को संकेत मिलना शुरू हो जाता हैं, जिससे वह इंजरी और ब्लीडिंग वाले हिस्से पर पहुंचकर ब्लड को रोकते हैं.गर्भवती महिलाओं को अक्सर प्लेटलेट्स की कमी होने का खतरा भी रहता है, जो मां और बच्चे दोनों की हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। रक्त में प्लेटलेट्स की सामान्य संख्या 150,000 से 450,000 होती है और इनकी संख्या 150,000 से कम होने की स्थिति को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहा जाता है।