नीमच।नीमच जिला कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने जनसुनवाई के दौरान एक अभिनव पहल की है जिसमें अब आवेदक को आवेदन टाइपिंग के लिए फिजूल खर्च नहीं करना पड़ेगा जिसको लेकर कलेक्टर हिमांशु चन्द्रा ने शासकीय और अशासकीय विद्यालय के विद्यार्थियों को निरक्षर और पीड़ित आवेदकों के आवेदन बनाने हेतु कलेक्टर की जनसुनवाई के बाहर बिठाया है जिनके माध्यम से पीड़ित आवेदक के आवेदन विद्यार्थी लिखेंगे और वही आवेदन पीड़ित पक्ष कलेक्टर की जनसुनवाई में प्रस्तुत करेगा जिसके आधार पर उचित और वैधानिक कार्रवाई जनसुनवाई के माध्यम से होगी।चूंकि आवेदन लिखवाने के नाम पर निरक्षर लोगों से या जिनके पास जानकारी अथवा ज्ञान का अभाव हो उनसे आवेदन टाइपिंग वालो द्वरा दो चार सौ रुपए वसूल लेते हैं।इस प्रकार का मामला विशेषकर ग्रामीणों के साथ होता।अज्ञानतावश लोग मजबूरी में रुपया दे भी देते हैं।ऐसे में कलेक्टर हिमांशु चंद्रा के संज्ञान में यह मामला आने के बाद उनके द्वारा दिए गए मार्गदर्शन में यह पहल की गई। जिसका उद्देश्य यह है कि पीड़ित आवेदक को अब टाइपिंग के नाम पर कोई राशि नही देनी होगी वही इस अभ्यास से विद्यार्थियों के ज्ञान के स्तर ओर शाश्किय योजनाओं शिता जिले में घटने वाली घटनाओं का भी पता चलेगा।नीमच कलेक्टर द्वारा की गई इस पहल से विद्यार्थियों को बहुत कुछ सीखने का अवसर भी मिलेगा। कलेक्टर हिमांशु चंद्रा और शिक्षा विभाग की इस कवायद से दो तरफा लाभ होगा। बच्चों को जनसुनवाई की प्रक्रिया जानने को मिलेगी, साथ ही गरीब लोगों को भी सहायता मिलेगी, उनका रूपया फिजूल बर्बाद होने से बचेगा। निश्चित रूप से दिखने में यह पहल छोटी, लेकिन प्रैक्टिकल एजुकेशन की दिशा में यह एक बड़ी कोशिश है। कलेक्टर हिमांशु चन्द्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि विगत दिनों जनसुनवाई में सिंगोली तहसील की एक पीड़ित महिला जनसुनवाई में पहुंची थी जो पीड़ित होने के साथ ही काफी परेशान थी जब उससे जानकारी मिली तो पता चला कि आवेदन के नाम पर उससे 200 लिए गए हैं जिसको ध्यान में रखते हुए जनसुनवाई में विद्यालय के विद्यार्थियों को आवेदन बनाने हेतु बिठाया गया है इस पहल से पीड़ित आवेदक का पैसा भी बचेगा और विद्यार्थियों को शासकीय योजनाओं के साथ-साथ जनसुनवाई की जानकारी और जिले में घट रही घटनाओं की जानकारी भी प्राप्त होगी।