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कृति की व्‍यंजन प्रतियोगिता सम्पन्न, निधि शर्मा प्रथम,57 महिला प्रतिभागियों ने लिया हिस्‍सा

नीमच। कृति की व्‍यंजन प्रतियोगिता में निधि शर्मा ने प्रथम स्‍थान हासिल किया है। वहीं प्रीति पाराशर द्वितीय व मोनिका गुप्‍ता तृतीय स्‍थान पर रही है। स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजन बनाने पर लक्ष्‍मी पारवानी व अंशिका जैन को प्रोत्‍साहन पुरस्‍कार प्रदान किए गए। शहर की अग्रणी साहित्यिक, सांस्‍कृतिक एवं सामाजिक संस्‍था कृति ने प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष 25 फरवरी (मंगलवार) को शहर की गांधी वाटिका में सूजी पर आधारित व्‍यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया। शुरुआत में स्‍वागत भाषण कृति अध्‍यक्ष इंजीनियर बाबूलाल गौड़ ने दिया। डॉ माधुरी चौरसिया, आशा सांभर व मंजुला धीर के संयोजन में आयोजित व्‍यंजन प्रतियोगिता में 57 महिला प्रतिभागियों ने हिस्‍सा लिया और सूजी के एक से बढ़कर एक व्‍यंजन बनाएं। निर्णायक में रूप में श्‍वेता जोशी, ऋतु गर्ग व सुनिता गोयल ने महिला प्रतिभागियों के व्‍यंजनों को देखा और महिलाओं से रेसिपी के संबंध में जानकारी ली। डॉ रंजना सिंहल व वैजयंती तोतला अतिथि के रूप में शामिल हुई। व्‍यंजन प्रतियोगिता में डेजर्ट लायली लेबनान बनाकर निधि शर्मा ने प्रथम, सूजी पान के लड्डू बनाकर प्रीति पाराशर द्वितीय व बिस्किट बनाकर मोनिका गुप्‍ता ने तृतीय स्‍थान हासिल किया। लक्ष्‍मी पारवानी व अंशिका जैन को प्रोत्‍साहन पुरस्‍कार प्रदान किए गए। सभी प्रतिभागी महिलाओं को कृति की ओर से प्रमाण पत्र व उपहार प्रदान किए गए। कृति सचिव महेंद्र त्रिवेदी ने व्‍यंजन प्रतियोगिता में उत्‍साहपूर्वक शामिल हुई।प्रतियोगिता व कार्यक्रम का संचालन डॉ माधुरी चौरसिया ने किया। आभार आशा सांभर ने माना। इस दौरान बड़ी संख्‍या में महिलाओं के अलावा कृति परिवार के किशोर जेवरिया, प्रकाश भट्ट, ओमप्रकाश चौधरी, डॉ पृथ्‍वी सिंह वर्मा, दर्शन सिंह गांधी, तेज सिंह जैन, कमलेश जायसवाल, राजेश जायसवाल, शरद पाटीदार, रेणुका व्‍यास, सत्‍येंद्र सक्‍सेना, कैलाश बाहेती, राधेश्‍याम पाटीदार, श्‍याम थोरेचा, डॉ राजेश जायसवाल, घनश्‍याम अंब, गणेश खंडेलवाल आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।कृति की व्‍यंजन प्रतियोगिता के दौरान एक क्विज का आयोजन किया, जिसमें प्रतियोगिता संयोजक डॉ माधुरी चौरसिया ने सामान्‍य ज्ञान से जुड़े प्रश्‍न पूछे, जिनके सही जवाब देने पर 30 से अधिक महिलाओं को पुरस्‍कार प्रदान किए गए। क्विज के प्रति भी महिलाओं का उत्‍साह अधिक रहा।

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