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प्रशासन के संरक्षण में हो रही है उच्च न्यायालय की अवमानना

सिंगोली।हमारे देश में किसी भी तरह के विवादों में न्याय पाने के लिए पूरे विश्वास के साथ कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था न्यायालय की शरण में जाता है और इसके बाद शुरू हो जाने वाली न्यायालयीन कार्यवाही के आदेश की पालना करना सभी पक्षकारों के लिए बन्धनकारी है जिसकी पालना करवाने का दायित्व प्रशासन का भी होता है लेकिन ऐसे में न्यायिक प्रक्रिया के कारण विशेष तौर पर भूमि सम्बन्धी मामलों में यथास्थिति होकर वाद ग्रस्त भूमि पर किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जा सकता है और न्यायालय में प्रचलित प्रकरण विशेष में कोई भी पक्ष इसके विपरीत कार्य करता है तो स्थानीय प्रशासन द्वारा ऐसा कृत्य करने वाले को न केवल रोका जाना चाहिए बल्कि न्यायालय की अवमानना एवं विधि विरुद्ध कार्य करने के मामले में उचित कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए थी लेकिन सिंगोली कस्बे में ही प्रशासन के संरक्षण में माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश की खण्डपीठ इंदौर में प्रचलित प्रकरण के भूमि सम्बन्धी विवाद में न्यायालयीन कार्यवाही की धज्जियाँ उड़ रही है और मामले में एक पक्ष द्वारा स्थानीय प्रशासन को लिखित में अवगत करवाने के बावजूद अब तक इस मामले में किसी तरह की कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण उच्च न्यायालय में वाद ग्रस्त जमीन पर ही अवैध रूप से कच्चा निर्माण करके जबरन कब्जा जमा लिया और इतना ही नहीं यहाँ बरसों पुरानी बनी स्कूल की पक्की वालबाउंड्री को तोड़कर धराशायी कर दिया जिसकी घटना से समस्त प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना प्रेषित कर दी गई लेकिन जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों के कान पर जूँ तक नहीं रेंग रही है और सिंगोली के भू सर्वे नम्बर 441/1 से सम्बन्धित 0.042 है.जमीन के मामले में दायर की गई याचिका क्रमांक 766/2004 माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन होकर किसी भी पक्षकार अथवा अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति वाद ग्रस्त जमीन पर न तो कब्जा जमा सकता है और न ही किसी भी तरह की तोड़फोड़ कर सकता है और इस तरह से कच्चा या पक्का निर्माण करके वास्तविक स्थिति में किसी तरह का फेरबदल नहीं किया जा सकता है बल्कि भूमि की वास्तविक स्थिति बरकरार रखी जानी है लेकिन यहाँ इसके विपरीत तिलस्वां मुख्य सड़क मार्ग के किनारे खुलेआम दबंगई से कब्जा करके न्यायिक व्यवस्था को चुनौती देने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े होना लाजिमी है।

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