नीमच।केंद्र सरकार द्वारा प्री लेवल्ड कट्टों में विक्रित अनाज, दलहन सहित अन्य पर प्रस्तावित किए गए जीएसटी के विरोध में व्यापारी संघ द्वारा प्रदेश सहित नीमच की मंडी भी बंद रखी गई व्यापारी संघ प्रतिनिधि नवल मित्तल ने जानकारी देते हुए बताया कि 28 जून 2022 को जीएसटी काउन्सिल की मीटिंग में प्री-पेकेण्ड एवं प्री- लेबल्ड किये गये कट्टो में अनाज, दलहन, इत्यादि भरने पर उक्त सामग्री पर 5 प्रतिशत जीएसटी दिनांक 18 जुलाई 2022 से प्रस्तावित किया गया है। पूर्व में यह जीएसटी केवल रजि. ब्राण्ड धारको द्वारा उनके रजि. ट्रेडमार्क में माल बेचने पर ही लागू था। जीएसटी काउन्सिल द्वारा लाया गया यह प्रस्ताव पूरी तरह अनुचित, अव्यवहारिक ओर महंगाई को बढाने वाला है। अनाज एवं दलहन जीवनपयोगी वस्तुओं की श्रेणी में आता है। जीएसटी लागू होने के पूर्व से ही यह देश के लगभग सभी राज्यों में वाणिज्य/विक्रय कर मुक्त श्रेणी में था। जीएसटी लागू होने के पश्चात् भी शासन ने इसकी आवश्कता को समझते हुए इसे कर मुक्त वस्तुओं की श्रेणी में रखा था।जीएसटी काउन्सिल के लेबल्ड और प्री-पेकड मटेरियल पर 05 प्रतिशत जीएसटी लगाने के प्रस्ताव से अनाज एवं दलहन कर योग्य व्यापर की श्रेणी में आ जायेगा।पहले से ही पूरा विश्व बड़ी आर्थिक मंदी और महंगाई की मार झेल रहा है यदि 5 प्रति शत जीएसटी लागू होता है तो देश में खाद्य पदार्थों की किमतो में असाधरण वृद्धि होगी और पहले से ही महंगाई से ग्रस्त देश के निम्न और मध्यम वर्ग के उपभोगताओं पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ेगा।अनाज एवं दलहन के व्यापार से देश के लगभग 06 करोड़ से अधिक व्यापारी जुड़े हुए है यह मंडी व्यापारी, छोटे-छोटे दुकानदार, लघु उद्योग संचालित करने वाले मिलर्स है जो देश के छोटे-छोटे गाँव से लेकर महानगरो तक फैले हुए है यह व्यापारी पूरी प्रतिस्पर्धा कर किसानो का माल उचित मूल्य पर क्रय कर सीमित मुनाफे से देश के छोटे-छोटे कोनों में आम उपभोगता तक पहुंचा रहे है। इन्हीं व्यापारियों के द्वारा आज देश में खाद्य पदार्थों के वितरण की एक श्रृंखला बनी हुई है जिससे देश में कभी भी खाद्य पदार्थों की आपूर्ति प्रभावित नहीं होती है।अनाज और दलहन पर यदि केंद्र शासन इस प्रस्ताव को स्वीकार करता है तो एफएसएसआई के नियमों के तहत यह व्यापर पूरी तरह से करयोग्य व्यापर की श्रेणी में आ जायेगा। ऐसे में कागजी ओपचारिकता बढ़ेगी और स्पेक्टर राज की शुरुआत हो जायेगी जो की केंद्र शासन की मिनिमम गवेनेंस की पालिसी के विपरीत है। इससे बहुत से व्यापारियों का व्यापार प्रभावित होगा और बेरोजगारी बढ़ेगी।प्री-पेकड और लेबल्ड अनाज दलहन के विक्रय पर 05 प्रतिशत जीएसटी लगाये जाने के विरोध में आज पूरे भारत की मंडी या बंद है और इन्हीं के साथ नीमच व्यापारी संघ ने भी अपना समर्थन देते हुए आज विरोध स्वरूप मंडी बंद रखी है