कलशयात्रा के साथ श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ
सिंगोली(माधवीराजे)।कलियुग में श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य का कल्याण हो जाता है।भागवत कथा ज्ञान का वह भंडार है जिसके वाचन और सुनने से वातावरण में शुद्धि तो आती ही है साथ ही मन और मस्तिष्क भी स्वच्छ हो जाता है।यह उपदेश 6 जनवरी शनिवार को सिंगोली तहसील के ग्राम अथवां खुर्द में पंडित राजेश राजोरा ने श्रीमद भागवत कथा के शुभारंभ के दौरान दिया।उन्होंने कहा कि भागवत कथा से घर और समाज में पवित्रता बनती है जो सुख शांति का आधार है।कथा के ज्ञान को अपने जीवन में धारण करना चाहिए ताकि जीवन सफल हो सके।भक्त के अंदर जब भावना जागृत होती है तब प्रभु के आने में देरी नहीं होती।प्रभु तो भाव के भूखे हैं,श्रद्धा भाव से समर्पित होकर उनकी उपासना करोगे तो वह अवश्य ही कृपा करेंगे।पंडित राजोराजी ने बताया कि भागवत का उद्देश्य लौकिक कामना का अंत करना और प्राणी को प्रभु साधना में लगाना है।संत चलते-फिरते तीर्थ होते हैं जो संसार के प्राणियों को दिशा देने उन्हें सदमार्ग दिखाने आते हैं।भागवत कथा को जीवन में अपनाने उसके अनुसार स्वयं को ढालने से ही प्राणी अपना कल्याण कर सकता है।इसके श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक आध्यात्मिक विकास होता है।जहां अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है।कथा कल्पवृक्ष के समान है। इससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है।कथा सुनने के लिए मंदिर परिसर में कथा के पहले दिन सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे।श्रीमद भागवत कथा शुभारंभ से पूर्व पंडित राजेश राजोरा महाराज के निर्देशन में नगर में भव्य कलश यात्रा देवनारायण मंदिर से निकलकर कथा स्थल पहुँची जहां विधि विधान व धार्मिक मंत्रोच्चार के साथ श्रीमदभागवत ग्रन्थ की पूजा अर्चना के साथ आरती के बाद कथा का शुभारंभ किया गया।