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अवैध रेत परिवहन पर सरकार ने बनाए सख्त कानून, फिरभी परिवहन जारी, सड़को पर चलते ओवर लोड रेत से भरे वाहन दिखाते करतब, बना रहता दुर्घटना का अंदेशा, खनिज विभाग ने किया लक्ष्य पूरा    

नीमच। जिले में रेत के अवैध  परिवहन की सामान्य तौर पर शिकायतें मिलती रहती हैं।बेहद सख्त कानून की कमी के चलते प्रदेश सहित जिले में अवैध रेत का परिवहन करने वालों के हौंसले बुलंद ही रहते हैं। ऐसे में रेत के अवैध परिवहन को सख्ती से रोकने के लिए सरकार ने नया कानून बना रखा है,जिसे लागू भी कर दिया गया है।परंतु स्थानीय स्तर पर कोई सख्त कार्यवाही नही होने के कारण रेत माफियाओं का धंदा फल फूल रहा है जिसके नजारे सडको पर आय दिन देखने को मिलते है ऐसा ही एक नजारा शुक्रवार को शहर से लगे ग्राम कनावटी से कलेक्टर चौराहा तक देखने को मिला जहां मुख्य मार्ग पर ओवरलोड ट्रैक्टर निकालने को लेकर ट्रैक्टर चालक द्वारा करतब दिखाए गए।जिसका वीडियो भी हमारे द्वारा बनाया गया।ऐसे में राह चलते राहगीर काफी भयभीत थे रेत माफियाओं के कारण कहीं कोई बड़ा हादसा शहर में कभी भी घटित हो सकता है खनिज विभाग को इस और ध्यान देकर शहर में हो रहे अवैध रेत कारोबार पर अंकुश लगाना चाहिए।हालांकि की खनिज विभाग द्वारा भी निरंतर कार्रवाई की जा रही है परंतु रेत माफिया चोर मार्ग से अवैध रेत का परिवहन ओवर लोड भरकर निरंतर कर रहे हैं।अवैध रेत परिवहन को सख्ती से रोकने के लिए सरकार ने नया कानून बनाया है जिसमे प्रदेश में अवैध रेत परिवहन में शामिल वाहनों को राजसात कर नीलाम भी किया जा सकता है।खनिज साधन विभाग ने मप्र खनिज (अवैध खनन, परिवहन और भंडारण का निवारण) नियम- 2022 लागू कर रखा है। इसी के साथ अब प्रदेश और जिले में रेत माफियाओं पर नकेल कसने की संभावना बढ़ गई है। राज्य सरकार ने इस संबंध में बाकायदा अधिसूचना भी जारी कर रखी है।नए नियमों के तहत यदि कोई व्यक्ति बिना वैध परिवहन के रेत का परिवहन करते हुए पकड़ाया जाता है तो ऐसे मामले में तय रायल्टी का 15 गुना तक वसूली की जा सकेगी। इस मामले में बाकायदा पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क भी वसूली जाएगा।नए नियमों में प्रावधान किया गया है कि जहां कोई व्यक्ति मप्र गौड़ खनिज नियम-1996 या फिर मप्र रेत खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार नियम-2019 या फिर विभाग द्वारा प्रचलित अन्य किसी तरह के नियमों का उल्लंघन करते हुए वैध परमिट के बिना खनिज का परिवहन कराता है तो ऐसे मामले में खनिज की रायल्टी का 15 गुना तक पेनाल्टी की वसूली की जा सकेगी। इसके अलावा ऐसे मामलों में भारी- भरकम राशि पर्यावरण क्षतिपूर्ति के नाम पर भी वसूली की जा सकेगी।
पर्यावरण क्षतिपूर्ति के नाम पर चार लाख तक की हो सकेगी वसूली
नए नियमों में जो प्रावधान किया गया है, उस हिसाब से वाहनों से अधिकतम चार लाख रुपए तक की वसूली हो सकेगी। यदि बिना वैध परमिट के कोई ट्रैक्टर रेत का परिवहन करते हुए पकड़ाया जाता है तो ऐसे मामले में पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में 25 हजार रुपए तक की वसूली हो सकेगी।इसी तरह टू एक्सल यानी छह पहिया वाहनों से यह वसूली दोगुनी यानी 50 हजार रुपए हो जाएगी, वहीं बम्पर हाइड्रोलिक छह पहिया वाहन से एक लाख रुपए पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में वसूल किया जा सकेगा। इसी क्रम में थ्री एक्सल यानी 10 पहिया वाहन से दो लाख रुपए की वसूली होगी और 4 से 6 एक्सल वाले यानी 10 पहिया से अधिक वाहनों से अधिकतम चार लाख रुपए की वसूली हो सकेगी।
दोनों को मिलाकर लगेगा जुर्माना
बिना वैध परमिट के रेत परिवहन करने पर रायल्टी का 15 गुना तो जुर्माना लगेगा ही, साथ ही पर्यावरण क्षतिपूर्ति की राशि भी जुड़ जाने से वसूली की राशि भारी- भरकम हो जाएगी। नए नियमों में यह भी प्रावधान किया गया है कि जब वसूली की बात आएगी तो जुर्माना और पर्यावरण क्षतिपूर्ति की राशि को एक साथ जोड़कर वसूली होगी। कई मामलों में यह राशि जब्त किए गए वाहनों की कुल कीमत से अधिक हो जाने की संभावना भी बन गई है। ऐसे में अब किसी माफिया के लिए बगैर वैध परमिट के रेत का परिवहन करने की हिम्मत जुटाना आसान नहीं होगा।ऐसे मामलों में वाहन मालिक को तय समय पर जुर्माना और क्षतिपूर्ति की राशि भुगतान करने के लिए समय दिया जाएगा। तय समय में यदि वाहन मालिक तय राशि जमा नहीं कराता तो फिर ऐसे मामले में वाहन को राजसात कर नीलाम करने की कार्रवाई की जाएगी। नीलामी की राशि से जुर्माने और क्षतिपूर्ति की राशि वसूल की जाएगी।
जानकारी के अनुसार गत वित्तीय वर्ष में नीमच खनिज विभाग को 52 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था जिसे नीमच के खनिज विभाग द्वारा पूरा किया गया है खनिज अधिकारी गजेंद्र डाबर ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में शाशन द्वारा 52 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था जिसे पूरा करते हुए हमारे द्वारा 52 करोड़ 70 लाख 40756 रुपए की राशि वसूल कर शासन के खाते में जमा कराई है और कई मामलों में अवैध उत्खनन व गोंड़ खनिज में प्रकरण भी बनाए गए हैं वहीं इस माह मार्च 24 में 10 करोड़ 32 लाख से अधिक की राशि भी वसूली गई है हमारे द्वारा निरंतर करवाई को अंजाम दिया जा रहा है।

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