सिंगोली(माधवीराजे)।नीमच जिला मुख्यालय से लगभग 85 किमी दूर राजस्थान की सीमाओं से घिरा हुआ सिंगोली क्षेत्र यूँ तो बरसों से मादक पदार्थों अफीम और डोडाचूरा की तस्करी के लिए जाना जाता रहा है लेकिन किसी तरह का भय और खौफ नहीं होने के कारण नशे के अवैध कारोबार की दिशा में आगे बढ़ रहा सिंगोली अब इन दिनों एमडी ड्रग्स के नए अड्डे के रूप में विकसित होने जा रहा है जिससे युवा पीढ़ी के भविष्य को लेकर चिंता होना लाजमी है।उल्लेखनीय है कि बरसों पहले 90 के दशक में सिंगोली में स्मैक की शुरूआत भी धीमे धीमे इसी तरह से हुई जैसे इन दिनों एमडी ड्रग्स की हो रही है।जानकार सूत्रों के अनुसार एमडी ड्रग्स भी एक प्रकार का सफेद रंग का पावडर बताया जाता है जिसे पान में मिलाकर सेवन किया जाता है या पान मसाला के साथ लिया जाता है जिससे शरीर में उत्तेजना पैदा होती है और मनुष्य के शरीर में इसका ऐसा असर पड़ता है कि इसका सेवन करने के बाद पेट में कुछ भी टिकता नहीं है वहीं एमडी ड्रग्स के सेवन से नशे की लत भी लग जाती है।यदि समय रहते इस गौरखधंधे पर लगाम कसने के लिए कदम नहीं उठाए गए तो आज का युवा एमडी ड्रग्स के जाल में उसी प्रकार उलझ जाएगा जिस तरह स्मैक के दलदल में फँसे थे।वर्तमान में सिंगोली में स्मैक जैसे खतरनाक साबित हुए मादक पदार्थ का अवैध कारोबार बे रोक टोक संचालित हो रहा है ठीक उसी प्रकार एमडी ड्रग्स का कारोबार भी अपनी जड़ें मजबूती से जमा लेगा इसलिए एमडी ड्रग्स मामले में न केवल स्थानीय पुलिस प्रशासन को बल्कि आम लोगों को भी जागरूक रहने की महती आवश्यकता अब महसूस होने लगी है वहीं स्थानीय पुलिस को भी ईमानदारी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए एमडी ड्रग्स का परिवहन करने वाले और बेचने वालों के खिलाफ सायबर सेल की मदद से किसी तरह की ऐसी कोई ठोस कार्यवाही करना चाहिए ताकि एमडी ड्रग्स का अवैध कारोबार फलने फूलने से पहले ही धराशायी हो जाए।