सिंगोली(माधवीराजे)।वर्तमान में पड़ रही भीषण गर्मी को दृष्टिगत रखते हुए नीमच जिले के शिक्षक संगठनों ने नीमच जिले के जिला शिक्षा अधिकारी से स्कूलों के संचालन का समय बदलने की माँग की है।उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार इस भीषण गर्मी के बीच 01 जून से नए शिक्षा सत्र के रूप में सरकारी स्कूल खुल गए हैं लेकिन स्कूल जाने वाले शिक्षकों को भीषण गर्मी से राहत नहीं मिल रही है क्योंकि जिला मुख्यालय स्थित कार्यालयों की तरह सभी स्कूलों में पँखे,कूलर या ऐसी लगे हुए नहीं है जबकि पत्थर का इलाका होने की वजह से सिंगोली अँचल का तापमान जिला मुख्यालय नीमच से लगभग दो-तीन डिग्री ज्यादा ही रहता है और इन दिनों सिंगोली क्षेत्र भीषण गर्मी के चलते भट्टी की भाँति तप रहा है तो क्या ऐसी परिस्थितियों में जिला प्रशासन और स्कूल शिक्षा विभाग को जिले में किसी अनहोनी का इंतजार है जो बिना किसी के बलिदान के स्कूलों के संचालन का समय नहीं बदलेंगे जबकि प्रदेश में भीषण गर्मी के कारण कुछ जिलों के कलेक्टरों ने स्कूल संचालन का समय सुबह 7:30 बजे से निर्धारित कर दिया है इसलिए शिक्षकों के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए जल्द ही जिला प्रशासन को नीमच जिले में भी स्कूलों के संचालन के समय में बदलाव करना चाहिए अन्यथा यह भीषण गर्मी किसी भी शिक्षक का बलिदान माँग लेगी और ऐसे हालातों में किसी का परिवार बर्बाद होने से पहले ही स्कूलों के संचालन के समय में परिवर्तन किया जाना अत्यंत आवश्यक हो गया है और जिले के शिक्षक भी नीमच जिले के संवेदनशील कलेक्टर दिनेश जैन से सुबह की पाली में स्कूलों के संचालन का आदेश जारी करने की माँग कर रहे हैं इसलिए मामले की गम्भीरता समझते हुए सुबह की पाली में स्कूल संचालित करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को तुरंत प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए और सम्भवतः अब जिला प्रशासन के अनुमोदन की भी आवश्यकता नहीं रह गई है क्योंकि 03 जून को एक पत्र जारी करते हुए मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी के मद्देनजर स्कूलों के समय में बदलाव के अधिकार जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी को दे दिए गए हैं जिसके चलते अब अपने अधिकार का उपयोग करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी स्वयं ही आदेश जारी करके नीमच जिले के सरकारी स्कूलों में सुबह की पाली में स्कूल संचालित करने की पहल कर सकते हैं ताकि पँखे,कूलर एवं ऐसी के अभाव में ड्यूटी करने वाले शिक्षकों को भी भीषण गर्मी से राहत मिल सके।