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सिंगोली में हो रही है सरकारी जमीनों की रजिस्ट्रियाँ  

 

पटवारी और परिषद पर भ्रष्टाचार के आरोप 

सिंगोली(निखिल रजनाती)।एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की सख्त चेतावनी के बाद हरकत में आए ईमानदार अधिकारियों के नेतृत्व में विभिन्न स्थानों पर सरकारी जमीनों पर किए गए अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाकर म.प्र.शासन की करोड़ों रुपए की भूमि माफिया के चंगुल से मुक्त कराई गई लेकिन जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर स्थित सिंगोली तहसील में भ्रष्टाचार किस तरह से फल फूल रहा है जिसके मामले एक के बाद एक लगातार उजागर हो रहे हैं जिनमें अब सरकारी जमीनों की रजिस्ट्रियाँ भी हो गई हैं।अभी हाल ही एक मामला सामने आया है जिसमें एक सरकारी जमीन की रजिस्ट्री का घोटाला उजागर हुआ है जिसमें कस्बे के राजस्व विभाग की मध्यप्रदेश सरकार की जमीन की रजिस्ट्री का मामला स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है।स्थानीय प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री की मंशा को धता बताते हुए न केवल नीमच-सिंगोली,चित्तौड़गढ़,कोटा सहित तिलस्वां मुख्य सड़क किनारे स्थित शासकीय जमीन पर अतिक्रमण करवाये गए बल्कि अपने संरक्षण में अवैध रूप से पक्के निर्माण भी बनवा दिये गए जिसमें पूर्व में सिंगोली में रहे एक तथाकथित बहुचर्चित सिंगोली कस्बा पटवारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ताओं ने कई बार नगर परिषद,तहसीलदार और एसडीएम को पत्र लिखकर शिकायत की जिसकी अधिकारियों पर जूं तक नहीं रेंगी।उक्त सम्बन्ध में अब तक की गई शिकायत की प्रतियां मालवदर्शन को उपलब्ध कराते हुए शिकायतकर्ताओं ने बताया कि वे पिछले एक साल से शिकायती पत्र लिखकर अवैध निर्माण पर आपत्ति व्यक्त करते हुए  स्थानीय प्रशासन को मुख्य सड़क किनारे द्वारा सिंगोली कस्बे की राजस्व विभाग की सरकारी जमीनों पर कई सर्वे नम्बरों में दस्तावेजी कूटरचना कर अवैध रूप से निर्माण करवाया जा रहा है।गौरतलब है कि जिस जगह पर  निर्माण किया गया वास्तविक स्वरूप में इन भू-सर्वे नम्बरों में सरकारी जमीनें स्थित है जो पूर्णतः म.प्र.शासन की है।वर्तमान में मौके पर अतिक्रमणकर्ता द्वारा सभी दिशाओं में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर पक्का निर्माण कर लिया है।इतना ही नहीं इन दिनों इन्हीं अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा रास्ते की खुली पड़ी शासकीय भूमि की भी रजिस्ट्री करवा दी गई है और जाँच करने पर साबित भी हो चुकी है कि रजिस्ट्रेशन सरकारी जमीन का किया गया है लेकिन जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण भ्रष्ट कर्मचारियों के हौंसले बुलंद हो गए हैं और वे मिलीभगत से सरकारी जमीनों का भी पंजीयन कराने से बाज नहीं आ रहे हैं।अभी हाल ही दस्तावेजी प्रमाण के रूप में जो जाँच करने के पश्चात तथ्य सामने आए हैं उसमें कस्बा सिंगोली की भूमि सर्वे क्रमांक 70/8 रकबा 0.314 में से रकबा 0.028 हैक्टेयर भूमि का ई-पंजीयन कराया गया था लेकिन जाँच करने पर ई-पंजीयन क्रमांक एमपी 279462017ए1074077 जिसमें प्रस्तुत फोटो और चतुरसीमा कस्बा सिंगोली की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 590 की है।

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