जावरा(निप्र) तीर्थ यात्रा का हमारी संस्कृति और धर्म में विशेष महत्व है इस संसार में जितने भी तीर्थ हैं वह सभी भगवान और भक्तों के साथ सही बने हैं कहने का मतलब यह कि भक्तों के बिना भगवान नहीं तो भगवान के बिना भक्त नहीं और इन दोनों के बिना तीर्थ नहीं। उक्त विचार श्री श्वेतांबर जैन वरिष्ठ सेवा समिति के अध्यक्ष अभय सुराणा ने संस्था द्वारा आयोजित पंच तीर्थ यात्रा एवं संत दर्शन के दौरान घसोई तीर्थ पर आयोजित मीटिंग में कहीं। आपने कहा कि जो व्यक्ति आत्मा के कल्याण के लिए श्रद्धा व भक्ति पूर्वक नियम का पालन करते हुए तीर्थ यात्रा करते हैं उसे मोक्ष की प्राप्ति के साथ कई लाभ होते हैं तीर्थ यात्रा का असली उद्देश्य आत्मा का उद्धार करना है तीर्थ पर आयोजित मीटिंग में संघ पूजा का लाभ श्री सरदारमल जैन ने अष्टापद तीर्थ पर एवं राजकुमार हरण ने नागेश्वर तीर्थ पर एवं अभय सुराणा ने घसोई तीर्थ पर लिया। इस अवसर पर श्री पारस शोभाजी छाजेड़ की विवाह वर्षगांठ भी मनाई गई उन्होंने जीव दया के लिए ₹500 की राशि प्रदान करी। तीर्थ यात्रा में सहभागी रहे शैतानमल दुग्गड सुशील जैन, कनकमल बावेल दंपत्ति का श्री आनंदीलाल संघवी द्वारा बहुमान किया गया। जीव दया प्रकोष्ठ के श्री अशोक लुक्कड़ का बहुमान भी संस्था अध्यक्ष अभय सुराणा द्वारा किया गया। तीर्थ यात्रा के साथ ही संत दर्शन का महत्व भी कम नहीं है क्योंकि उनका शरीर भले ही पांच भौतिक तत्वों से निर्मित और नश्वर हो किंतु उस देह में भी संत के दिव्य गुण ओतप्रोत है और उन दिव्य गुणों की ऊर्जा उस को प्रभावित करती है।इस अवसर पर दलोदा में विराजित प्रवर्तक श्री विजय मुनि जी महाराज की मांगलिक एवं मंदसौर में विराजितउप प्रवर्तक श्री अरुण मुनि जी महाराज साहब की निश्रा में महामंत्र के जाप एवं मांगलिक एवं श्री नागेश्वर तीर्थ पर विराजित साध्वीगणा में श्री मुक्ति निलयाजी श्री शिलप्रभाजी श्री भक्ति निलयाजी आदि म.सा. के दर्शन वंदन कर उनका आशीर्वाद भी लिया। आभार प्रदर्शन यात्रा संयोजक शैतानमल दुगड़ ने किया। इस अवसर पर यह रहे उपस्थित श्री राजमल धारीवाल शैतानमल दुगड़, सुशील जैन, कनकमल बाबेल, अशोक लुक्कड़ योगेंद्र कोठारी भूपेंद्र कांठेड़ बसंती लाल चपडोद शांतिलाल डांगी सरदार मल जैन पारस छाजेड़ पारस ओरा प्रकाश श्रीश्रीमाल राजकुमार हरण दिलीप पारख प्रदीप सिसोदिया, अभय सुराणा आदि सदस्य एवं महिलाओं ने भी इस यात्रा का लाभ लिया।
उक्त जानकारी पारसमल ओरा ने दी।