कुकडेश्वर--- मनुष्य को जीवन में अभिमान नहीं करना चाहिए क्योंकि समय बड़ा बलवान होता है यह किसी के हाथ में नहीं रहता और इस की मार से राजा भी रंक बन जाता व रंक राजा। आज हमारा अटेचमेंट पैसा संपत्ति परिवार से इतना हो गया कि हम इसे छोड़ना नहीं चाहते हम पैसे के लिए प्रभु को भूल गए प्राण देने को तैयार हो जाते लेकिन संपत्ति छोड़ने को तैयार नहीं होते। उक्त विचार जैन स्थानक भवन में नियमित प्रवचनों के अंतर्गत श्री आलेख मुनि जी ने उपस्थित श्रावक श्राविकाओं से कहते हुए फरमाया कि हमें मेहमान की तरह जीना चाहिए मेजबान की तरह नहीं संसार में बहुत कुछ आ रहा व बहुत कुछ जा रहा लेकिन जहां लगाव हो वहां दुख का कारण बना हमने रास्ता सही नहीं चुना इसलिए दुख पैदा हो रहा,जिस तरह कमल कीचड़ में रहकर भी उसमें लिप्त नहीं रहता क्योंकि कीचड़ से उसका लगाव नहीं है व्यक्ति को अटैचमेंट दुखी करता, संसार में रहते हुए सब करें लेकिन किसी से अटेचमेंट नहीं करे।जीवों के साथ हम गहरा सम्बन्ध बनालेते लेकिन समय के साथ सब छुटता और जब छुटता तो वो रोने का कारण बनता है।हम देख रहे व्यक्ति जुडा़व और लगाव कम नहीं करता इससे जीवन की दुर्दशा हो रही, जहाँ लगाव है वहाँ दुःख है। कुकडेश्वर स्थानक वासी श्री संघ की विनती पर विराजित संत आलेख मुनि ने होली चातुर्मास कुकड़ेश्वर में ही करने की स्वीकृत प्रदान की होली चातुर्मास पर प्रातः 9:30 बजे प्रवचन दोपहर में धर्म चर्चा संध्या प्रतिक्रमण रात्रि में धर्म चर्चा के साथ ही तपस्या होंगी।