समापन पर निकली भव्य शोभायात्रा
सिंगोली।दिगंबर जैन समाज में अष्टान्हिका महापर्व एवं सिद्धचक्र महामंडल का कार्यक्रम विगत 10 मार्च से परम पूज्य आचार्य विद्यासागर जी महाराज व निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव सुधासागर जी महाराज एवं प्रणम्यसागर जी महाराज के आशीर्वाद से जबलपुर से पधारे ब्रह्मचारी विनोद भैय्या के सानिध्य में शुरू हुआ था जिसके अंतर्गत नगर में प्रतिदिन धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए वहीं 18 मार्च शुक्रवार को अष्टान्हिका महापर्व एवं सिद्धचक्र महामंडल विधान की पूर्णाहुति के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ।समापन समारोह के अवसर पर समाजजनों ने शुक्रवार को दोपहर में भगवान को बेवाण में विराजित कर भव्य शोभायात्रा निकाली।मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को प्रथम शांतिधारा का सौभाग्य तेजमल,पवनकुमार, सुनीलकुमार धानोप्या बिजोलियाँ, दूसरी शांतिधारा का सौभाग्य कैलाशचंद, सौरभकुमार बगडा,तीसरी शांतिधारा का सौभाग्य पारसकुमार, सिद्धार्थकुमार, वैभवकुमार बगडा और चौथी शांतिधारा का सौभाग्य बसंतकुमार, पंकजकुमार, निलेशकुमार बागडिया को प्राप्त हुआ जबकि शुक्रवार की शोभायात्रा के लिए ठाकुरजी को चांदी के बेवाण में विराजमान करने का सौभाग्य अशोककुमार, शुभमकुमार, अर्चितकुमार ठोला को मिला तो चँवर ढुलाने का सौभाग्य चांदमल, पुष्पेन्द्रकुमार, पिन्टूकुमार बगडा एवं सज्जनबाई, राजेशकुमार रिंकल ठोला लाम्बाखोह वाले को प्राप्त हुआ।शुक्रवार को सम्पन्न हुए अष्टान्हिका महापर्व के अवसर पर नगर में निकली भव्य शोभायात्रा में बग्गियां, घोड़े, बेन्ड, ढोल के साथ समाज के महिला, पुरूष, युवक, युवतियां नाचते गाते चल रहे थे।भगवान के बेवाण के साथ निकली शोभायात्रा मंदिर जी से आरंभ हुई और नगर भ्रमण के बाद यहीं आकर समापन भी हुआ।शोभायात्रा के पश्चात गौतम प्रसादी हुई।