नीमच।भगवान विष्णु की पूजा सर्वसिद्धिप्रद और सुखदायी होती है। किसी भी रूप में भगवान विष्णु की पूजा की जाए,वह सर्वत्र सफलतादायक ही होती है। घर की बिगड़ी दशा सुधारने,सुख-संपन्नता की प्राप्ति और अन्न-धन के भंडार भरे रखने के लिए भगवान विष्णु की पूजा पीपल के रूप में करने का विधान दशामाता के दिन बताया गया है।दशामाता व्रत-पूजन चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को किया जाता है। यह व्रत बिगड़े ग्रहों की दशा सुधारकर सुख-समृद्धि, सौभाग्य और धन संपत्ति की पूर्ति करवाता है। इस व्रत को दशामाता व्रत कहा जाता है। दशामाता पूजन इस वर्ष 27 मार्च 2022 रविवार को किया गया। यह व्रत उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में किया जाता है। पश्चिम भारत के गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों के भी अनेक भागों में करने की परंपरा है। इस बार दशामाता के दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी बना है जो प्रात: 6.28 से दोरह 1.32 बजे तक रहा। इस समयकाल में दशामाता का पूजन सर्व कार्यो में सिद्धि प्रदान करता है। महिलाओं ने शहर के भागेश्वर मंदिर भूतेश्वर मंदिर किलेश्वर मंदिर साईं मंदिर सहित शहर के विभिन्न मंदिरों पर पीपल की पूजा अर्चना कर घर की दशा सुधारने की मनोकामना को लेकर विधि विधान से पूजा अर्चना की पूजा-अर्चना का दौर प्रातः काल से प्रारंभ हुआ जो दिनभर चलता रहा।