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पड़ोसियों ने की इंसानियत की मिसाल कायम,परिजनों ने किया इनकार तो रीतिरिवाज से पड़ोसियों ने ही किया अंतिम संस्कार

नीमच। धन दौलत और रुपए पैसों के पीछे जहां अपने भी पराए हो जाते हैं वही इंसानियत के नाते पड़ोसी ही मसीहा बन अपना फर्ज अदा करते हैं ऐसा ही एक मामला शनिवार को उस वक्त सामने आया जब चूड़ी गली निवासी एक वृद्ध जो विगत 1 माह से जिला चिकित्सालय में भर्ती थे जिनकी आज उपचार के दौरान मृत्यु हो गई, जब वृद्ध की मृत्यु की सूचना परिजनों को दी गई तो उन्होंने यह कहते हुए अंतिम संस्कार क्रिया करने से इंकार कर दिया कि यदि वृद्ध के पास रुपए पैसे होंगे तो समाज हम पर आरोप लगाए गा की हमने उनका रुपया पैसा रख लिया है इसलिए हम अंतिम संस्कार करने आ गए, ऐसी स्थिति में वे पड़ोसी आगे आए जिन्होंने विगत लंबे समय से उक्त वृद्ध का ध्यान रखते हुए जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया और विगत 1 माह से खाने-पीने सहित उपचार की पूरी व्यवस्था और उनका ध्यान रखा,जिला आस्पताल में पड़ोसि महिला सुभमानी बाई ने बताया कि म्रतक कन्हैयालाल पिता फूलचंद साल्विय उम्र 60 वर्ष निवासी चूडिगली काफी लंबे समय से हमारे साथ रहते थे उन्होंने मुझे भाभी और मेरी बहू को बेटी बनाया था तभी से हम उनका ध्यान रखते थे और सुबह शाम खाने की व्यवस्था भी हमारे द्वारा ही की जाती थी विगत 1 माह से बीमार थे जिनका उपचार जिला चिकित्सालय में चल रहा था जिला अस्पताल में भी हमारा परिवार ही उनका पूरा ध्यान रखता था परंतु आज सुबह जब उनकी मृत्यु हो गई तो परिजनों को इस बात की सूचना दी गई परंतु परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है ऐसी स्थिति में उनका अंतिम संस्कार भी पूर्ण रीति रिवाज से हमारे द्वारा ही किया जाएगा।म्रतक के परिजन भतीजे मनोहर लाल ने बताया कि मृतक कन्हैयालाल हमारे चाचा लगते हैं परंतु लंबे समय से भी हमारे साथ नहीं रहते आज हमें सूचना मिली है कि उनकी मृत्यु हो गई है परंतु हम इसलिए उनका अंतिम संस्कार नहीं कर सकते थे समाज हम पर आरोप लगाए गा की मृतक कन्हैया लाल के रुपयों के लालच में आकर हम उनका अंतिम संस्कार कर रहे हैं इसलिए हम लोग मृतक कन्हैया लाल का अंतिम संस्कार नहीं कर सकते अब तक जो उनका ध्यान रखते आए हैं वहीं पड़ोसी उनका अंतिम संस्कार करेंगे।

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