जावरा.. (युसूफ अली बोहरा) बोहरा समाज के पवित्र माह रमजान चल रहे हैं और इबादत का दौर जारी है रमजान का पाक महीना सबसे महत्वपूर्ण होता है संपूर्ण इस्लाम धर्म को मानने वाले इस माह में रोजे रख नमाज पढ़ कुरान की तिलावत कर खुदा की इबादत करते हैं इसी कड़ी में बोहरा समाज भी रमजान माह में खुदा की इबादत करने में जुटा हुआ है रोजाना सुबह 4:00 बजे से शाम 6:50 बजे तक रोजे रख पांचो टाइम की नमाज में मस्जिद में अदा कर कुरान शरीफ की तिलावत कर और अनेक धार्मिक कामों में जुटा हुआ है रमजान महा के 30 दिनों में इबादत का दौर जारी है और इसी माह में एक रात ऐसी आती है जिसको लयलतुलकद्र कहां जाता है इस रात में पूरी रात जागकर खुदा की इबादत की जाती है यह रात का एक अलग ही महत्व है क्योंकि यहां रात जनाबे फातिमा के नाम से जागी जाती है और इस रात में जो भी दुआ मांगी जाती है वहां पूरी हो जाती है यह रात 1 साल में एक ही बार रमजान माह में आती है इसी कड़ी में 22 वे रोजे पर शनिवार को रात 9:00 बजे से संपूर्ण बोहरा समाज ने दोनों मस्जिदों में रात जग कर खुदा की इबादत की इस रात के लिए पहले से ही तैयारी कर ली गई थी शनिवार को सुबह से ही बोहरा समाज में इस रात को लेकर उत्साह था सभी बोहरा समाज के लोगों ने एक-दूसरे को इस रात की मुबारकबाद दी और दुआएं करने की गुजारिश भी की इस रात का एक महत्व और भी है क्योंकि बोहरा समाज के धर्मगुरु 53 वे दाई आलीकदर सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब की सालगिरह भी इसी रात को आती है इसलिए बोहरा समाज में ज्यादा खुशी का माहौल था रात जगने का सिलसिला शनिवार रात 9:30 बजे से प्रारंभ हुआ जो रविवार सुबह 6:00 बजे तक चलता रहा रात जगने में बोहरा समाज के महिलाएं पुरुष व बच्चे ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया दोनों मस्जिदों को दुल्हन की तरह फूलों एवं फलों वा लाइट से सजाया गया था बोहरा बाखल स्थित वजी मस्जिद में मुंबई से आए शेख जूजर भाई अहमदाबाद वाला ने रात जग कर खुदा की इबादत करवाई वही बोहरा बाखल स्थित सैफी मस्जिद में बड़ौदा से आए शेख शब्बीर भाई जमाली ने रात जग कर इबादत करवाई आप दोनों के साथ ही बोहरा समाज के लोगों को कुरान मस्जिद की शिक्षा देने के लिए आए मुल्ला जून भाई. युसूफ भाई. उपस्थित रहे वही बोहरा समाज के सुल्तान सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब की लाइव वीडियो भी दिखाया गया