नीमच। महेंद्र उपाध्याय।शनि जयंती ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस बार शनि जयंती 30 मई सोमवार के दिन आई है। इस दिन स्नान-दान और श्राद्ध आदि का बहुत महत्व है। माना जाता है अमावस्या के दिन भगवान शनि का जन्म हुआ था। जिसके कारण इस दिन को जयंती के रूप में मनाया जाता है सोमवार को शनि अमावस्या को लेकर शहर सहित अंचल के सभी शनि मंदिरों पर दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा वहीं विभिन्न धार्मिक आयोजनों के साथ भंडारे,भजन संध्या,महा आरती ओर विभिन्न धार्मिक आयोजन भी हुवे। आज के दिन श्री शनि जयंती के साथ ही वट सावित्री पूजन किया किया गया।जिले भर में स्थित श्री शनि मंदिरों पर भक्तों द्वारा न्याय के देवता श्री शनिदेव का जन्मोत्सव को विभिन्न आयोजनों के साथ मनाया गया।इसी के साथ स्थानीय कलेक्टर चौराहे पर स्थित श्री शनिदेव मंदिर पर भक्तगण के सहयोग से श्री शनि युवा मित्र मंडल नीमच द्वार न्याय के देवता भगवान श्री शनिदेव का जन्मोत्सव विभिन्न आयोजनों के साथ मनाया गया।जिसके अंतर्गत आज दोपहर 12:00 बजे से मंदिर परिसर में 20 वां विशाल भंडारा आयोजित हुवा।मंदिर के पुजारी हस्तीमल जोशी ने बताया कि श्री शनि जयंती के उपलक्ष्य मे आज मंदिर पर प्रातः 5:30 बजे से श्री शनि देव महाराज का अभिषेक, प्रातः 8:00 बजे से हवन, दोपहर में भंडारा, सांय 7:15 बजे से 108 दीपक की महाआरती, 56 भोग एवं रात्रि 8:00 बजे से भजन संध्या का आयोजन किया भी किया जाएगा।जिसमें प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा मधुर संगीत के साथ भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। साथ ही श्री शनि देव महाराज का अलौकिक दरबार सजेगा, ओर दिव्य दर्शन, इत्र वर्षा एवं पुष्प वर्षा भी की जाएगी। जयंती के उपलक्ष में मंदिर पर विशेष सजावट की गई है, वही मंदिर में विराजमान श्री शनिदेव महाराज की चमत्कारिक प्रतिमा का मनमोहक श्रृंगार किया भी किया गया।