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चंद्रप्रभ महिला मंडल ने श्रुत पंचमी महापर्व उत्साह पूर्वक मनाई

जावरा। अध्यात्म जगत के महानायक श्रमण संस्कृति के समुनायक चरम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के मोक्ष के बाद उनकी दीवय ध्वनि से प्राप्त उपदेशों को आज के दिन यानी जेष्ठ शुक्ल पक्ष की पंचमी को तीन आचार्यों ने मिलकर  प्राकृत भाषा से हिंदी भाषा में अनुवाद किया था इसलिए आज का दिन श्रुत पंचमी महापर्व के रूप में मनाई जाती हे। चंद्रप्रभ महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती आभा जैन व सचिव श्रीमती पदमा गंगवाल ने बताया कि इस पर्व को आज महिला मंडल द्वारा उत्साह पूर्वक मनाया गया सर्वप्रथम जिनवाणी शास्त्र की स्थापना की गई स्तुति गान किया गया वही प्रभु भक्ति का अनूठा कार्यक्रम हुआ। मंदिर मे डेकोरेशन भी किया गया। अंत में आभार संस्था की संरक्षक श्रीमती मंजू विनायका ने माना।  इस अवसर पर रही इनकी उपस्थिति  आभा जैन, पदमा गंगवाल, प्रमिला पाटोदी, ज्योति गंगवाल,शीला मादावत ,सुलोचना ठोरा, मीना गोधा, स्नेहलता काला, निर्मला जैन, अरुणा मादावत अनीता जैन सरोज लुहाडीया मनुकांता सकलेचा, भारती शाह, राजल गंगवाल चेतना गोधा मधु गंगवाल नवीना गोधा आदि उपस्थित रही।

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