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आदिवासी महिला को बंधक बनाकर 3 भाई 2 महीने तक करते रहे बलात्कार

पीड़िता ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार

सिंगोली।सिंगोली पुलिस थाना क्षेत्र में निवास करने वाली एक ग्रामीण आदिवासी महिला को बन्धक बनाकर 3 भाई 2 महीने तक बलात्कार करते रहे जिसके बाद किसी तरह आरोपियों के चंगुल से छूटकर पीड़िता ने नीमच जिला मुख्यालय स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक आवेदन पत्र सौंपकर एसपी से न्याय की गुहार लगाई है।कोज्या आदिवासी बहुल क्षेत्र की एक पीड़िता ने 1 जून 2022 को नीमच एसपी कार्यालय में दिए हस्ताक्षरित आवेदन पत्र में बताया कि जब पीड़िता अपनी पुत्री के साथ अपने गाँव कोज्या से अपनी बहन के यहाँ ग्राम आगरा तहसील रावतभाटा जिला चित्तौड़गढ़ जा रही थी तो ग्राम कोज्या की सीमा में रास्ते में कांकरियातलाई तहसील सिंगोली निवासी भगवतीलाल पिता रामेश्वरलाल चारपहिया वाहन लेकर आया और बोला कि मैं भी आगरा जा रहा हूँ मैं तुम्हें छोड़ दूँगा जिस पर वह उसकी गाड़ी में बैठ गई क्योंकि सुनारी काम से गाँव में आने जाने के कारण वह इसे पहचानती थी।गाड़ी में बैठने के बाद भगवतीलाल ने उसका मोबाइल छीनकर तोड़ दिया और वह चिल्लाई तो उसे जान से मारने की धमकी दी और कहा कि चिल्ला चोट मत करना नहीं तो मार डालूँगा इसके बाद आरोपी उसे और उसकी पुत्री को लेकर गाड़ी से भीलवाड़ा चला गया जहाँ एक होटल में ले जाकर रातभर उसका शारीरिक एवं दैहिक शोषण कर उसके साथ गन्दा काम किया और बलात्कार किया जिसके बाद उसने अपने छोटे भाई जिसका नाम सुरेश सोनी बताया जो चन्देरिया में रहता है तथा उसका एक मकान ग्राम बड़ोदिया तहसील व जिला चित्तौड़गढ़ में भी है उसके चन्देरिया वाले मकान पर पीड़िता को छोड़ दिया जहाँ सुरेश सोनी ने भी पीड़िता और उसकी बेटी को घर में बन्द रखा और सुरेश ने भी पीड़िता का शारीरिक शोषण कर गन्दा काम किया और धमकी दी कि चिल्ला चोट मत करना नहीं तो तुझे और तेरी बच्ची को जान से मार दूँगा वहीं जब सुरेश सोनी घर पर नहीं होता था तो सुरेश का छोटा भाई जयदीप भी पीड़िता के साथ गन्दा काम करता था और इस तरह पीड़िता को करीब दो महीने तक बन्दी बनाकर रखा और गन्दा काम किया इसी बीच 24 मई 2022 को आरोपी भगवतीलाल और सुरेश सोनी पीड़िता को गाड़ी में बिठाकर रावतभाटा में छोड़कर भाग गए जहाँ से पीड़िता अपनी बच्ची को लेकर अपनी बहन के घर ग्राम आगरा आई और सारी बात बताई जिस पर पीड़िता की बहन ने फोन करके मातापिता एवं भाई को बुलाया फिर पीड़िता को अपने पीहर ले गए और हॉस्पिटल में भर्ती कराया।पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दिए आवेदन पत्र में पीड़िता ने बताया कि उसके पिता एवं पति ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट करवाई थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की।पीड़िता ने यह भी बताया कि 29 मई को भी भगवतीलाल दो व्यक्तियों के साथ आया और मेरे पिता से कहा कि रिपोर्ट मत करना नहीं तो जान से खत्म कर दूँगा।आरोपियों द्वारा दी गई धमकी के कारण पीड़िता और उसका परिवार डर गया लेकिन किसी तरह 01 जून को हिम्मत करके रिपोर्ट करने आई हूँ,कार्यवाही की जावे।आदिवासी महिला के साथ की गई दरिन्दगी के मामले में स्थानीय पुलिस प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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