मन्दसौर।एक तरफ जहाँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की केन्द्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गाँव-गाँव और शहर-शहर में कच्चे मकानों में निवास करने वाले गरीबों के लिए पक्के मकान बनाने का मिशन चला रही है तो दूसरी ओर सरकारी महकमे गरीबों के सपने साकार होने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें मन्दसौर तहसील का राजस्व विभाग एक ग्रामीण और गरीब पुजारी को उसका पक्का मकान नहीं बनाने दे रहा है जबकि उसका परिवार पिछले 60 सालों से उसी कच्चे मकान में निवास करता आ रहा है इतना ही नहीं बरसों से काबिज पुजारी को मन्दिर की जमीन से बेदखल करने का प्रयास किया जा रहा है।मामला मन्दसौर तहसील के राजस्व निरीक्षक वृत्त 2 धुँधड़का के तहत पटवारी हल्का ग्राम माल्याखेरखेड़ा का बताया जा रहा है जिसमें अनुविभागीय अधिकारी मन्दसौर द्वारा 1988 में नियुक्त महादेव मंदिर माल्याखेरखेड़ा के पुजारी पुरणगिरी गोस्वामी नियमानुसार जिस कच्चे मकान में बरसों से निवास कर रहा है जो बहुत जर्जर हालत में उसे तोड़कर उसकी जगह पक्का मकान बनाने का प्रयास कर रहा है लेकिन राजस्व विभाग गरीब पुजारी के मकान निर्माण में बाधा उत्पन्न कर रहा है जबकि 1963 में दर्ज प्रकरण नम्बर 11404 दिनाँक 07/12/1963 को मकान बनाने के लिए भूमि व्यपवर्तन करने की इजाजत भी अनुविभागीय अधिकारी मन्दसौर द्वारा दी गई है और इसी जगह के लिए तत्कालीन पंचायत द्वारा अप्रेल 2015 में भूमि का प्रमाण पत्र भी दिया है फिर भी राजस्व विभाग द्वारा गरीब पुजारी को परेशान किया जा रहा है तथा बरसों से निवास करने वाले गरीब पुजारी के परिवार को बेदखल करने पर आमादा है और इसीके चलते गत दिनों इसे तहसील कार्यालय मन्दसौर से एक सूचना पत्र भी जारी करते हुए उस पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है ताकि गरीब पुजारी के कब्जे से जमीन और मकान छीन सके।पुजारी के साथ राजस्व विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही के कारण गोस्वामी समाज सहित अन्य पुजारियों में भी प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त हो रहा है।इधर गरीब पुजारी ने मन्दसौर के संवेदनशील कलेक्टर एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से न्याय की गुहार लगाई है।