नीमच। विशेष न्यायाधीश, अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989, नीमच द्वारा आरोपी झमकलाल पिता जगदीशचंद्र पाटीदार, उम्र-34 वर्ष, निवासी-ग्राम-भरभड़ीया, जिला नीमच को उधारी चुकाने के विवाद के कारण घर में घूसकर दो महिलाओं के साथ मारपीट करने के आरोप का दोषी पाकरभारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 452,323 के अंतर्गत 02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 3000रू.जुर्माने से दण्डित किया।विशेष लोक अभियोजक केपीएस झाला द्वारा घटना की जानकारी देते हुुए बताया कि घटना दिनांक 16.01.2017 की ग्राम-भरभड़ीया स्थित आहत इंदिराबाई के घर की है फरियादिया आशाबाई आहत इंदिराबाई की बहन है और वह उसके घर आई हुई थी। दिन के समय आरोपी झमकलाल 40,000 रूपये जो कि इंदिराबाई के पति दशरथ को उधार दिए हुए थे वह लेने के लिए आया तो इंदिराबाई ने कहा उसका पति अभी घर पर नहीं है बाद में आना तो फिर दिन के समय पुनः आरोपी आया तब आशाबाई ने उससे कहा कि उसका पति बाहर गया है बाद में आ जाना तो इस बात पर आरोपी द्वारा घर में घूसकर दोनों महिलाओं के साथ मारपीट की गई, फिर वह वहा वहां से चला गया। फरियादीया द्वारा डायल 100 को बुलाया गया व बाद में आरोपी के विरूद्व पुलिस थाना नीमच केंट में अपराध क्रमांक 27/2017 धारा 452, 323 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 एवं धारा 3(1)(द)(ध), 3(2)(वी)(ए) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायाधीश, अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989, नीमच के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादिया व आहत महिला सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपी द्वारा दोनों महिलाओं के साथ घर मे घूसकर मारपीट किये जाने के अपराध को प्रमाणित कराकर आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, किंतु अभिलेख पर आई साक्ष्य के आधार पर धारा 3(1)(द)(ध), 3(2)(वी)(ए) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के अंतर्गत अपराध प्रमाणित नहीं पाया जाने से उन धाराओं में आरोपी को दोषमुक्त किया गया। माननीय विशेष न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 452 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 02 वर्ष के कठोर कारावास व 2000 रूपये जुर्माने से एवं धारा 323 भारतीय दण्ड संहिता 1860 के अंतर्गत दोनों महिलाओं से मारपीट किए जाने हेतु 06-06 माह के सश्रम कारावास एवं 500-500 रूपये जुर्माने से दण्डित किया साथ जुर्माने की राशि में सें फरियादिया इंदिराबाई को 2000 रूपये व आहत आशाबाई को 1000 रूपये प्र्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश भी पारित किया।