logo

मुनि पीयूषचंद्र विजय जी व साध्वी प्रगुणा श्रीजी महाराज की समाज जनों ने की अगवानी,चातुर्मासिक मंगल प्रवेश मैं उमड़ा आस्था का सैलाब,

नीमच।श्री जैन श्वेतांबर महावीर जिनालय मंदिर विकास नगरश्रीसंघ नीमच के तत्वावधान में गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद्विजय श्री ऋषभचंद्र सुरिश्वरजी महाराज साहब के शिष्यरत्न  वरिष्ठ मुनिराज पियूषचंद्र विजय महाराज एवं श्री जिनचंद्र विजयजी, श्रीजनकचंद्र विजय जी मसा आ ठाणा 3 के सानिध्य में साध्वी प्रगुणा श्रीजी मसा विकास नगर महावीर जिनालय के लिए चातुर्मासिक मंगल प्रवेश गुरुवार को सुबह 8.29 बजे मिडिल स्कूल मैदान स्थित जैन भवन से मंगल प्रवेश प्रारंभ हुआ।  इस अवसर पर पूज्य साध्वीश्री जीनशिशु प्रज्ञा श्रीजी मसा की शिष्या श्री प्रगुणा श्रीजी मसा आदि ठाणा 5का सानिध्य भी मिला। समाज जनों ने अगवानी की। मार्ग में स्थान स्थान पर श्रावक श्राविकाओं द्वारा अक्षत स्वास्तिक गहुली बना श्रीफल चढ़ाकर मंगल आशीर्वाद ग्रहण किया गया। चल समारोह में सबसे आगे दो घोड़े व दो युवक शाही परिधानों में स्वर्ण छतरी लिए पैदल चलायमान थे। तथा बैंड पर भगवान पार्श्वनाथ  के भजनों की स्वर लहरियां बिखर रही थी। महिलाएं अमृत मंगल कलश शिरोधार्य किए लाल पीले केसरिया परिधानों में सहभागी बनी। समाज जन पुरुष वर्ग श्वेत परिधानों में नृत्य की मस्ती में डुबकियां लगा रहे थे।मार्ग में स्थान -स्थान पर समाज जनों द्वारा प्रवेश द्वार लगाकर स्वागत सत्कार किया गया।साध्वी प्रगुणा श्रीजी महाराज सा ठाना5 एवं मुनि भगवंत का सामैया जुलूस सुबह 8:30 बजे जैन भवन से प्रारंभ होकर  मिडिल स्कूल मैदान शिक्षक कॉलोनी अंबेडकर मार्ग विकास नगर के सभी प्रमुख मार्गो से होते हुए विकास नगर स्थित महावीर जिनालय  श्रीमंदिरजी, होते हुए विकास नगरआराधना भवन पर पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हुआ। मार्ग में स्थान स्थान पर प्रवेश द्वार रंगोली सजा पलक पावडे बिछा कर साधु संतों की अगवानी की गई।धर्म सभा मे मुनि पियूष चंद्र विजय मसा ने धर्म सभा में कहा कि चार्तुमास का 4 माह का समय  हमें धर्म आराधना में लगाना चाहिए 4 माह में की गई तपस्या पूरे जीवन में  पुण्य में बैलेंस को बढ़ाती है। इस समय तो धर्म आराधना साधना तप के अमृत ठाठ होना चाहिए 4 माह में प्रतिदिन एक घंटा  चातुर्मास में प्रवचन धर्म तपस्या आदि  आत्मा में रमण करना अपने भीतर झांकना और आत्ममंथन कर अपने पुण्य का बैलेंस बढ़ाना है।धर्म सभा में आचार्य पूर्ण आनंद सागर सुरीश्वर जी महाराज की आज्ञा अनुवर्ती अष्टापद तीर्थ प्रेरिका साध्वी  प्रगुणा श्रीजी मसा ने कहा कि मनुष्य जीवन हमें भक्ति तपस्या कर परमात्मा बनने के लिए मिला है। साध्वी प्रसम निधि मसा ने कहा कि4 गति 84लाख योनि आत्मा भ्रमण कर रही है इसकी मुक्ति के लिए धर्म उनका प्रमाणित करना चाहिए।कर्म को प्रथम स्थान पर रख रखा रखता है और धर्म को सेकंड स्थान पर रखता है यदि मनुष्य हमेशा धर्म को सेकंड स्थान पर रखेगा तो उसे कभी दुबारा मनुष्य जन्म में नहीं मिल सकता है। साध्वी सत्कार निधि मसा ने कहा कि गुरुवर की निश्रा महान है। जीवन एक कमल भी कीचड़ भी है ।कांटा भी है । फूल भी है। समस्या भी है समाधान भी है। चातुर्मास में जीवन परिपक्व बनता है।चातुर्मास का लक्ष्य आत्मा को परमात्मा तक पहुंचाना होता है।चार गति कसायो से मुक्ति दिलाना होता है। आत्मा में रमण कर उत्सव बनाना होता है ।समय सब को मिला है लेकिन जिसने समय का सदुपयोग कर मानव जीवन को सार्थक किया है वही सफल होता है ।धर्म सभा का शुभारंभ मुनि पियूष चंद्र विजय जी महाराज द्वारा मंगलाचरण मंत्रोचार श्रवन करवाकर मंगल आशीर्वाद प्रदान  किया गया । श्रद्धालुओं द्वारा गुरु वंदना की गई। कार्यक्रम का शंखनाद  महावीर स्वामी के चित्र पर दीप प्रज्वलित एंव माल्यार्पण कर अतिथियों द्वारा किया गया। पार्श्वनाथ महिला मंडल की महिलाओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर प्रेम प्रकाश जैन, विकास नगर श्री संघ के अध्यक्ष राकेश आंचलिया , सचिव राजेंद्र बंबोरिया, गोवर्धन लाल बाफना ,अनिल नागौरी, वीरेंद्र लोढ़ा, राजेश कच्छावा, सुंदर तातेड, आशीष सुराणा, जीतू हिंगड़ ,राजमल धारीवाल ,आजाद ढड्डा मनीष कोचर, बाबूलाल शेखावत  कांतिलाल नाहटा, सूरत महेंद्र डागा , अशोक लूंगड़ ,जयंतीलाल दरक,राजेंद्र धारीवाल, मनीष कोठारी,आदि गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। धर्म सभा का संचालन वंदना आंचलिया और राजमल छाजेड़  ने संयुक्त रुप से  तथा आभार राजेंद्र बंबोरिया ने व्यक्त किया। चातुर्मास मंगल प्रवेश जुलूस में पंजाब के भटिंडा नगर से आया प्रख्यात गुरु गोविंद बैंड के कलाकारों ने जब बैगपाइपर की मधुर कर्णप्रिय स्वर लहरियों के साथ अपना हैरतअंगेज करतब दिखाया तो सभी अभिभूत हो गए। और कलाकारों कला को निहारने लगे। बैंड का निर्देशन कप्तान नवदीप सिंह गिल ने किया बैंड कलाकारों ने मधुर करण के लिए स्वर लहरियों के साथ साधु साध्वी मारा साहब को एक्शन के साथ सलामी भी दी और ढोल को हवा में उछाल कर हैरतअंगेज करतब भी दिखाए।चातुर्मास मंगल प्रवेश के दौरान जैन भवन से लेकर विकासनगर आराधना भवन तक पूरे मार्ग में रंगोली कलाकार द्वारा प्रणाम ,मोर पंख ,स्वागतम और विभिन्न आकर्षक कला रंगोली के माध्यम से प्रस्तुत की गई रंगोली देखकर साधु साधु बने भी कलाकार को आशीर्वाद प्रदान किया।

Top