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भारत देश की बेटियाँ महान हैं-पं. दुबेजी

सिंगोली(निखिल रजनाती)।बेटों की अपेक्षा बेटियाँ मातापिता का अधिक सम्मान करती हैं,बेटियाँ दो कुलों को तारती हैं इसलिए प्रत्येक घर में बेटी होना चाहिए।बेटियों का महत्व बताते हुए उक्त आशय के विचार स्थानीय बजरंग व्यायाम शाला में स्वर्गीय डॉ. किशनलाल दग्दी की पुण्य स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में पंडित बालकृष्ण दुबे ने उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष व्यक्त किए।पंडितजी ने बताया कि सती अनुसुईया ने किस तरह भगवान को बालक बना दिया था वहीं सती सावित्री ने भी यमराज से लड़कर अपने पति के प्राणों की रक्षा की थी वहीं झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई द्वारा अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए वीरता और शौर्य का परिचय देकर अंग्रेजों के दाँत खट्टे करके अपने प्राणों की आहुति दे दी इसलिए कह सकते हैं कि भारत देश की बेटियाँ महान व पूजनीय हैं।अतः सब को बेटियों का सम्मान करना चाहिए और उनकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।इससे पहले शुक्रवार को श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन पंडित बालकृष्ण दुबे ने ध्रुव चरित्र नृसिंह अवतार,परीक्षित कथा के बारे में बताते हुए कहा कि जन्म तो मनुष्य लेते हैं लेकिन जब परमात्मा जन्म लेते हैं तो अवतार के रूप में जन्म लेते हैं और अब तक भगवान के 24 अवतार हो चुके हैं।पं दुबे ने बताया कि जन्म लेने वाले मनुष्य भी परमात्मा को प्राप्त कर सकते हैं इसके लिए अमीर या गरीब,पढ़ा लिखा या अनपढ़ कोई भी हो बस ईश्वर को प्राप्त करने के लिए सच्ची श्रद्धा और आस्था की आवश्यकता है।

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