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आशूरा के साथ रविवार को बोहरा समाज के मोहर्रम का समापन

 

जावरा...  (युसूफ बोहरा) दाऊदी बोहरा समाज के मोहर्रम का समापन रविवार 10 तारीख आशूरा के दिन हो गया इन 10 दिनों में रोज सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक धर्म सभा मजलिस होती थी  जिसे संबोधित करने के लिए जावरा मे आमिल बनकर आए शेख अली असगर भाई ने जावरा बोहरा समाज को प्रवचन देते थे आपने अपने प्रवचन में कहा कि हम सब मधुमक्खी की तरह है जो अपने अमीर के साथ रहती है और अपने अमीर को कभी नहीं छोड़ती है आज हम भी इस मस्जिद में इमाम हुसैन का मातम गम करने आए हैं आप ने  इमाम हुसैन की पूरी जिक्र की साथ ही आपके पूरे परिवार और जो इमाम. दाई. हुए उन पर भी रोशनी डाली     सभी समाज जन भी प्रवचन मजलिस शुरू होने के पहले मस्जिद में उपस्थित हो जाते थे! बोहरा समाज के सुल्तान 53 वे दाई अली कदर मुफद्दल सैफुद्दीन साहब भी लंदन UK शहर में बोहरा समाज के लोगों को प्रवचन दे रहे हैं जिसका ऑडियो वीडियो भी दिखाया गया आपने अपने प्रवचन में कहां की ए मेरे फर्जंदओ दोस्तों भाइयों मेरे साथ हुसैन पर आंसू बहा लो क्योंकि इन दिनों की इंतजारी 1 साल से थी हर जगह से बस या हुसैन या हुसैन की आवाज आती है बस इमाम हुसैन का नाम ऐसा है कि ना उम्मीद भी उम्मीद में बदल जाती है आपने समाज जनों को संबोधित करते हुए कहा कि आप जिस शहर जिस जगह जिस मोहल्ले में रहो हमेशा वहां के वफादार रहो और हमेशा देश हित में कार्य करते रहो   इसी कड़ी में जावरा में भी 10 दिनों तक संपूर्ण बोहरा समाज इमाम हुसैन और आपके परिवार को याद कर मातम करता रहा और जब भी इमाम हुसैन का नाम आता पूरी मस्जिद या हुसैन के नारों से गूंज उठती और हर किसी की आंखों में आंसू आ जाते चाहे वहां बूढ़ा हो. बच्चा हो. या जवान हो. रविवार मोहर्रम की 10 तारीख आशूरा के दिन  सुबह से ही बोहरा समाज के लोग मस्जिद में पहुंच गए थे यहां पूरे दिन इमाम हुसैन की जिक्र मातम गमे हुसैन करते रहे और जनाब साहब ने इमाम हुसैन और आपके पूरे परिवार की जिक्र कर खूब मातम कराया बोहरा समाज की सबसे बड़ी उपलब्धि तो यह  रही कि मदरसा सफदरिया के छोटे-छोटे बच्चों ने इन मोहर्रम के 10 दिनों में इमाम हुसैन और आपके परिवार की शहादत की जिक्र कर संपूर्ण बोहरा समाज के लोगों को रोने और मातम करने मैं बहुत बड़ा सहयोग प्रदान किया क्योंकि इन छोटे-छोटे बच्चों ने इमाम हुसैन की जिक्र करना अपने आप में काबिले तारीफ है इन 10 दिनों में सभी धार्मिक आयोजन सफलतापूर्वक हुए संपूर्ण आयोजन  सही तरीके से हो इसलिए मुंबई से मुल्लाह हमजा भाई भी जावरा आए थे आपने भी बहुत अच्छी खिदमत कर  गमे हुसैन करने में काफी योगदान दिया इस बार सैयदना साहब की रजा से सुबह और रात को नियाज ए हुसैन 10 दिन भोजन भी दोनों टाइम सामूहिक रूप से  हो रहा है। इस वर्ष नियाज ए  हुसैन की खिदमत मुल्लाह हुसैन भाई  बीज वाला परिवार को नसीब हुई है! वाअज मुबारक व रात की मजलिस ए हुसैन में जाकेरिन अपने कलाम से लोगों को खूब मातम गमे हुसैन कराया सभी ने बहुत अच्छी खिदमत को अंजाम दिया है!!

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