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श्रीकृष्ण गायों की रक्षा करने से गोपाल कहलाए - पं. बालकृष्ण

सिंगोली(निखिल रजनाती)।भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित पवित्र श्रावण माह में स्थानीय बजरंग व्यायामशाला में स्वर्गीय डॉ. किशनलाल दग्दी की स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन सुनेल(राज.)के विद्वान पंडित बालकृष्ण दुबे ने नन्दोत्सव के अंतर्गत कहा कि श्रीकृष्ण ने धरती पर अवतार लेकर समाज में व्याप्त धार्मिक और अलौकिक बुराइयों एवं अपराधों का अंत किया।उन दिनों आपराधिक प्रवृत्ति की समाप्ति के लिए भगवान ने जलाशय में नहाती हुई गोपियों के वस्त्र चुराए वहीं 7 वर्ष की आयु में उन्होंने सात कोश के पहाड़ को अपनी अँगुली पर धारण कर गिरिधर कहलाए इसी प्रकार कालिया नाग का अंत करके गायों की रक्षा करने के कारण भगवान श्रीकृष्ण गोपाल कहलाए।बजरंगी व्यायाम शाला में बुधवार से प्रतिदिन दोपहर 12 से 4 बजे तक चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के दौरान रविवार को पांचवें दिन पंडितजी ने बताया कि हमें जन्मदिन हमेशा भगवान का ही मनाना चाहिए न कि मनुष्य का क्योंकि जिस दिन मनुष्य का जन्मदिन होता है उस दिन उसकी निर्धारित आयु कम हो जाती है अर्थात आयु का एक भाग नष्ट हो जाता है अतः उस दिन प्रायश्चित करें कि व्यर्थ ही इतने दिन बीत गए और ईश्वर को पाने का लक्ष्य जो मानव का है वह पूरा नहीं सका।श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कर रहे उपस्थित श्रद्धालुओं को पंडित जी ने बताया कि ईश्वर ने सर्प में भय रखा,सिंह में आलस्य रखा और विद्वानों में अनेकता रखी अगर ऐसा नहीं होता तो ये संसार को चैन की सांस भी नहीं लेने देते।

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