श्वेताम्बर जैन समाज ने मनाया क्षमापना पर्व
सिंगोली (निखिल रजनाती) । सिंगोली कस्बे में श्वेताम्बर जैन समाज के पर्युषण पर्व के समापन के अवसर पर यहाँ जैन धर्मावलंबियों द्वारा जाने अनजाने में हुई त्रुटियों के लिए मिच्छामि दुक्कड़म बोलकर क्षमा याचना करके क्षमापना पर्व मनाया गया।इस पावन अवसर पर 01 सितम्बर गुरुवार को श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्रीसंघ एवं वर्धमान जैन स्थानकवासी श्रीसंघ द्वारा संवत्सरी-क्षमापना पर्व के उपलक्ष्य में अलग अलग चल समारोह निकाले गए जिनमें त्रिशलानन्दन वीर के जयकारे गूँज उठे।गुरुवार को सुबह लगभग 10 बजे बाद मूर्तिपूजक श्रीसंघ का वरघोड़ा स्थानीय पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर मन्दिर से बैंड बाजे के साथ शुरू हुआ जिसमें भगवान शांतिनाथजी की पालकी निकाली गई जो श्वेतांबर जैन मंदिर से आरंभ होते हुए चौधरी मोहल्ला,वीर तेजाजी मार्ग,अहिंसा पथ,बापू बाजार, विवेकानंद बाजार,पुराना बस स्टैंड,आजाद चौपाटी होकर उपाश्रय पहुँचा जहाँ उपस्थित समाजजनों के बीच में भगवान की आरती मंगल दीवा हुआ जिसके बाद बहुमान सम्मान किया गया जिसमें बाहर से भी पधारे समाजजन उपस्थित थे।पर्युषण पर्व के आठों दिन बाहर से पधारे स्वाध्याय बंधुओं सहित स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा सामूहिक प्रतिकमण एवं धार्मिक क्रियाएं,सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन प्रतिदिन हुआ।इसी तरह श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्री संघ में ज्ञानगच्छाधिपति श्रुतधर पंडित रत्न 1008 परम पूज्य गुरूदेव श्री प्रकाशमुनिजी मा.सा.के आज्ञानुवर्ती परम शिष्य गुरूदेव श्री भूपेंद्रमुनिजी मा.सा., संदीपमुनिजीमा.सा.,मदनमुनिजी.मा.सा.का प्रभावी चातुर्मास गतिमान है । पूज्य गुरूदेव के सानिध्य में प्रतिदिन धर्म की प्रभावना हो रही है वहीं पर्युषण के पावन अवसर पर श्रीसंघ में तपस्या का क्रम निरन्तर चला जिसमें वीर बहन प्रेमदेवी पटवा ने 9 उपवास,नीरज गांधी,बरदीचंद मेहता,सुश्री श्रैयल गांधी,श्रुति मेहता,श्रैयल नागोरी के 8 उपवास तो महक मेहता,राजश्री देवी गांधी ने 5 उपवास की तपस्या की इनके अलावा अनेक श्रावक श्राविकाओं ने तेले की तपस्या कर अपनी आत्मा के उद्धार की ओर कदम बढाया।प्रवचन के पश्चात सभी तपस्वियों का श्रीसंघ द्वारा बहुमान किया गया तथा संवत्सरी के प्रतिक्रमण में बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाओं ने उपस्थित होकर प्रतिक्रमण करते हुए चौरासी लाख जीवायोनी से क्षमायाचना की एवं श्रीसंघ की ओर से नगर में शौभायात्रा निकाल कर क्षमा के महत्व का संदेश दिया।