श्रीमती बांठिया के एक सो तेतीस उपवास के प्रत्याख्यान लेने पर
कुकड़ेश्वर--आज जहाँ मानव एक दिन भुखा नहीं रह सकता वहा पर जैन धर्म के श्रावक श्राविकाओं द्वारा निराहार रह कर एक नहीं आठ, सोलह, तीस से भी अत्यधिक तपस्या करते हैं ऐसा ही वाक्या अखिल भारत वर्षीय साधु मार्गी जैन संघ की धर्म निष्ट श्राविका ने हुकमेश संघ के नवम् पटृधर युग निर्माता आचार्य श्री रामलाल जी म, सा, (रामेश) के मुखारविंद से राजस्थान के नोखामंडी निवासी सुश्राविका,तपस्विनी श्रीमती हेमलता प्रदीप जी बांठिया ने आज 133उपवास के प्रत्याख्यान ब्यावर में ग्रहण किये और इससे पुर्व भी कई उग्र तपस्या आप कर चुकी है आपके तपस्वी जिवन को सुख साता पुछ कर बारम्बार अनुमोदना नीमच, मनासा, जावद, कुकड़ेश्वर, रामपुरा के साधुमार्गी जैन संघ के शौकिन मुणत,संदीप खाबिया, जुबन मुणत नीमच, अजित चेलावत, नरेंद्र गांधी जावद, रमेश रुपावत,पंकज रुपावत मनासा, मनोज खाबिया कुकड़ेश्वर, चेलावत, कर्नावट परिवार रामपुरा ने की