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अनंत चतुर्दशी पर देर रात निकली झांकिया,दूसरे दिन भी रही धूम        

नीमच। कोरोना संक्रमण के कारण 2 वर्ष से गणेश उत्सव सीमित दायरे में मनाया जा रहा था और बड़े आयोजनों पर प्रतिबंध लगे होने के कारण गणपति उत्सव बिना धूमधाम के साथ मनाए गए। किंतु इस वर्ष कोरोना की कोई भी पाबंदिया नहीं होने के कारण 10 दिवसीय गणेश उत्सव पूरे हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ मनाया गया। जहां शुक्रवार को दिन भर बप्पा का विसर्जन का क्रम चलता रहा वहीं देर रात शहर के विभिन्न मंदिरों एवं अखाड़ों से झांकियों का कारवां निकाला गया। शहर में देर शाम अलग-अलग स्थानों से गणेश मूर्तियों की झांकियां और अखाड़े निकाले गए जो देर रात अग्रवाल पंचायत भवन के यहां एकत्रित हुए।सबसे आगे प्राचीन माधवपुरी बालाजी मंदिर गणेश जी की झांकी और परंपरागत अखाड़ा रहा वहीं पहलवान करतब दिखाते नजर आए।इसके पीछे शहर के अन्य क्षेत्रों से आई झांकियां शामिल हुई।जबकि चूड़ी गली स्थित प्राचीन गुप्तेश्वर मंदिर से विशाल मूर्ति विसर्जन शोभायात्रा निकाली गई।शोभा यात्रा कुमारा गली  तिलक मार्ग घंटाघर नया बाजार होते हुए फवारा चौक पहुंची जहा अन्य झांकियों का कारवां एक साथ शामिल हुआ। शोभायात्रा में महाराष्ट्र की ताशा पार्टी मालवा के कश्मीरी ढोल बैंड बाजे डीजे के साथ दिल्ली की चलित झांकियां शामिल रही।शहर में अलग-अलग क्षेत्रों से आने वाली गणेश झांकियों ओर अखाड़ों के लिए बारादरी फवारा चोक  टैगोर मार्ग कमल चौक भारत माता चौराहा पुस्तक बाजार घंटाघर नया बाजार होते हुए विसर्जन झांकियो का समापन किया गया। वहीं शहर में स्थाई रूप से स्थापित बड़े गणेश पंडालों पर विशेष आयोजन एवं एवं महा आरती की गई वहीं शनिवार को गणेश विसर्जन को लेकर बड़ी मूर्तियों का चल समारोह अखाड़े एवं ढोल व डीजे की थाप पर निकाले गए। शहर की अधिकतर बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन नीमच मंदसौर रोड स्थित चलदु नदी पर किया गया।

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