सिंगोली(निखिल रजनाती)। धर्मनगरी सिंगोली में श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर श्री कुन्द कुन्द कहान धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट व दिगंबर जैन मुमुक्षु मंडल सिंगोली के तत्वावधान में आयोजित भव्य श्री 1008 नेमीनाथ दिगंबर जिनबिंब पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन 3 दिसंबर शुक्रवार से प्रारंभ हुआ जो 8 दिसंबर बुधवार तक चलेगा।पंच कल्याणक महोत्सव समिति द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 3 दिसंबर को प्रातःकाल से शुभ मुहूर्त में पूज्य गुरुदेव श्री का मांगलिक पूर्वक मंगलगीत गाते हुए श्री शांतिजाप किया गया जिसके पश्चात श्रीजिनेन्द्र पूजन पूर्वक इन्द्र प्रतिष्ठा विधि,श्री नेमीनाथ विधान,शास्त्र स्वाध्याय बोलियाँ (श्री जिनेन्द्र रथ यात्रा एवं अन्य विमान आदि)लगायी गयी।श्रीनांदी विधान मंगल कलश विधि एवं श्री जिनेन्द्र रथ-जिनवाणी मंगलकलश एवं इन्द्र प्रतिष्ठा शोभायात्रा निकाली गई जो नवीन मंदिर से 11बजे आरंभ हुई एवं नगर के मुख्य मार्गों से तिलस्वां चौराहा होती हुई प्रतिष्ठा मण्डप पहुँची।शोभायात्रा में जैन धर्म के गीतों का जाप करते हुए महिलाएं,पुरूष एवं बच्चे भी झूमते हुए नजर आए जिसमें बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद थे।दोपहर 12:15 बजे प्रतिष्ठा मण्डप के विभिन्न उद्घाटन श्रीअष्टदेवियों द्वारा गीत गाकर श्री माता-पिताजी द्वारा वेदी पर मंगल कलश की स्थापना कर श्रीयाग मण्डल विधान पूजन किया गया वहीं सायंकाल में श्रीजिनेन्द्र भक्ति,शास्त्र स्वाध्याय,आध्यात्मिक सत्पुरुष श्रीकानजी स्वामी द्वारा वीडियो प्रवचन दिया गया एवं रात्रि में इन्द्र सभा-राज सभा,अष्टदेवियों के मंगलाचारण पूर्वक मंगलगीत,महिला मण्डल द्वारा नृत्य गीत,छप्पन कुमारियों का गीत,माता के सौलह स्वप्नों का अद्भुत प्रदर्शन किया गया।दिनांक 4 दिसंबर शनिवार को गर्भ कल्याणक महोत्सव के दौरान श्री शांतिजाप,जिनेन्द्र पूजन,शास्त्र स्वाध्याय करते हुए गर्भ कल्याणक महोत्सव पर इन्द्र सभा-राज सभा एवं महाराजा समुद्र विजय द्वारा सौलह स्वप्नों का फल निरूपण किया एवं घट यात्रा के स्वर्ण रजत कलशों की बोलियाँ लगाई गई,सौधर्म इन्द्र-इंद्राणी पात्रगणों एवं माताश्री-पिताश्री,महायज्ञ नायक-नायिका द्वारा श्री गर्भ कल्याणक पूजन किया गया जबकि 5 दिसंबर रविवार को प्रभु के जन्म कल्याणक महोत्सव पर प्रतिष्ठा मण्डप से पांडुक शिला तक श्री जन्म कल्याणक की विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी।यह धार्मिक आयोजन पंच कल्याणक प्रतिष्ठा के कुशल प्रतिष्ठाचार्य बाल बह्मचारी पंडित श्री जतिशचंद्रजी शास्त्री दिल्ली के सानिध्य में किया जा रहा है।