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तालाब के पानी और गाद से मिट रहे हैं इंसानों और गौवंश के रोग


सिंगोली (निखिल रजनाती) । सिंगोली अँचल में स्थित एक तालाब के पानी का मवेशियों के शरीर पर छिड़काव करने से गौवंश में फैल रही लम्पी वायरस जनित बीमारी जड़ से खत्म हो रही है जबकि तालाब की मिट्टी मनुष्य के शरीर पर लगाने से त्वचा रोग भी मिट रहे हैं इसी के चलते स्थानीय लोगों सहित अन्य जगहों से यहाँ लोगों का आना जारी है।सिंगोली तहसील में झांतला के समीप स्थित ग्राम पिपरवां में कालका माताजी एक कच्चे देवरे में विराजित है एवं माताजी के देवरे के समीप स्थित तालाब के पानी और मिट्टी को रोजाना दूर दूर के पशुपालक माताजी की पूजा अर्चना कर बोतल में पानी भरकर ले जा रहे हैं।पशुपालक उक्त पानी को गाय के शरीर पर गठान या फड़फोले पर छिड़काव कर रहे हैं जिससे पशुओं में फैल रहा लम्पी रोग पानी के छिड़काव मात्र से जड़ से खत्म हो रहा है वहीं कालका माता के तालाब की मिट्टी का भी ऐसा चमत्कार है कि मिट्टी का लेप करने से इंसानों का त्वचा रोग भी खत्म हो रहा है।गांव के 85 वर्षीय बिरदीचन्द्र धाकड़ ने बताया कि यह सब माताजी के अदभुत चमत्कार के चलते मिट्टी लगाने के बाद मुँह के पास फैला दाद पूरी तरह खत्म हो गया है वहीं राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से आये नानालाल धाकड़ ने बताया कि मुझे भी जानकारी मिली कि माताजी के तालाब के पानी से गौवंश का लम्पी रोग खत्म हो रहा है इसलिए हम लोग यहाँ आए और पानी बोतल में भरकर लेकर गए और तालाब का पानी जैसे ही गाय के ऊपर छिड़का,दूसरे ही दिन रोग पूरी तरह खत्म हो गया जिसके बाद मैं आज फिर यहाँ अन्य लोगों को लेकर आया हूँ।गांव के ही धनराज धाकड़ ने बताया कि हाल ही सम्पन्न त्रिस्तरीय चुनाव में हमारे गांव पिपरवां में मतदान केंद्र पर मनासा क्षैत्र से एक व्यक्ति पीठासीन अधिकारी बनकर आये थे उनके शरीर में माताजी आये और उन्होंने मतदान के एक दिन पूर्व गांव के लोगो को एकत्रित कर बताया कि आपके गाँव में कालका माता का प्राचीन मंदिर है तथा उसके पास स्थित तालाब में  माताजी की मूर्ति दबी हुई है जो बहुत ही चमत्कारी है।उन्होंने उसी समय बता दिया था कि इंसानों में फैले कोरोना की तरह ही गौवंश में बीमारी फैलेगी लेकिन वह इस तालाब के पानी व मिट्टी से दूर हो जाएगी और यह बात आज सत्य साबित हो रही है।इन सब बातों के चलते भीलवाड़ा,चितौड़गढ़, कोटा ,बूंदी,नीमच,मन्दसौर तक के लोग आकर बोतलों में पानी भरकर ले जा रहे हैं और आस्था व विश्वास के चलते लोग इसे माताजी का चमत्कार बता रहे हैं।

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