सीएम राइज स्कूल के विद्यार्थियों को दिलाई 4 प्रतिज्ञाएँ
सिंगोली (निखिल रजनाती )। हम जैसा दूसरों को देंगे वैसा ही हमें भी मिलेगा इसी तरह सुख देने से सुख मिलता है और दुःख देने से दुःख मिलता है।उक्त उदगार स्थानीय वर्धमान जैन स्थानक में चातुर्मास के लिए विराजित जैन सन्त श्री संदीप मुनि जी मा.सा. ने 20 अक्टूबर गुरुवार को स्थानीय सीएम राइज स्कूल शासकीय बालक उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय सिंगोली के विद्यार्थियों को नेकी की राह पर चलने के लिए प्रेरणादायक प्रवचन देते हुए व्यक्त किए।इस दौरान मुनि श्री ने उपस्थित विद्यार्थियों को नशा नहीं करने,मांसाहार का सेवन नहीं करने,आत्महत्या नहीं करने और दीपावली पर पटाखे नहीं जलाने सहित 4 प्रतिज्ञाएँ दिलवाई।गुरुवार को मुनि श्री ने तुलसीदासजी के दोहे दया धर्म का मूल है के आधार पर सीएम राइज स्कूल के विद्यार्थियों से कहा कि किसी भी जीव को दुःख नहीं देना ही दया है और किसी को भी दुःख-दर्द में देखकर मन में जो अनुकम्पा की भावना पैदा होती है वही दया है इसलिए जीवन के अंतिम समय तक जब तक शरीर में प्राण हैं तब तक हमें दया नहीं छोड़ना चाहिए और यही बात हमारे देश के संविधान में उल्लेखित मौलिक कर्तव्यों में भी कही गई है कि सभी प्राणियों के प्रति दया भाव रखना चाहिए। मुनि श्री ने विद्यार्थियों को अपने माता पिता, गुरू और बड़ों को प्रणाम करने व उनका मन से सम्मान करने की बात कहते हुए बताया कि माता पिता और गुरू उपकारी होते हैं एवं इनके आशीर्वाद से ही जीवन का विकास होता है इसलिए इन्हें रोज प्रणाम करना चाहिए जबकि नशे से दूर रहने की सलाह देते हुए जैन सन्त ने कहा कि नशा जानलेवा होता है इससे पैसा, समय व शरीर बर्बाद और खोखला हो जाता है। मांसाहार और टीवी, मोबाईल से दूर रहने का सुझाव देते हुए मुनि श्री ने बताया कि मांसाहार से अपने शरीर को कब्रस्तान नहीं बनाना है जबकि टीवी और मोबाईल के दुष्प्रभाव की जानकारी देते हुए कहा कि अच्छे के बाद बुरा और बुरे के बाद अच्छा समय आता है इसलिए हमें धैर्य, आत्मनियंत्रण और स्वअनुशासन रखना चाहिए तथा आत्महत्या जैसी चीजों से हमेशा दूर रहना है। जैन सन्त ने सभी से दीपावली की खुशियाँ मनाने की बात कहते हुए बताया कि पैसों की बर्बादी और जीवहत्या के पाप से बचने के लिए विद्यार्थियों को पटाखे नहीं जलाने की प्रतिज्ञा दिलवाई। इस अवसर पर विद्यालय परिवार के सदस्यों सहित जैन समाज के सुधीर लसोड़, संजय गाँधी व विद्यार्थीगण मौजूद थे।