नीमच। धनतेरस के दूसरे दिन और दिवाली के 1 दिन पहले रूप चौदस मनाई जाती है इस दिन महिलाएं और युवतियां अपने रूप को निखारने का कार्य करती है रविवार को रूप चौदस के अवसर पर शहर के सभी पार्लर में महिलाओं की भीड़ देखने को मिली है यही नहीं जो महिलाएं पार्लर नहीं जा सकती थी उन महिलाओं ने भी घरेलू उपचार कर अपने रूप को निखारा है नर्क चतुर्दशी या नर्क चौदस जिसे रूप चौदस के नाम से भी पहचाना जाता है यह दीपावली के त्यौहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मान्यता है कि इस दिन सुबह सूरज उगने से पहले उठकर, उबटन लगाकर स्नान करने और श्रृंगार के साथ तैयार होने से शुभता जीवन में आती है। इन सब को अगर व्यवहारिक भाव से भी लें तो यह समझा जा सकता है कि दीपावली के पहले साफ़-सफाई और रंग-रोगन के चलते त्वचा और पूरा शरीर भी धूल-गंदगी आदि के सम्पर्क में आता है इसलिए यह एक विशेष दिन हमें अपनी देखभाल करने, खुद को पैम्पर करने का अवसर भी देता है इसलिए ही इस दिन विशेष उबटनों और श्रृंगार सामग्री का उपयोग कर खासकर महिलाएं और युवतियां रूप निखारती हैं। लेकिन यह त्यौहार केवल महिलाओं- युवतियों के लिए ही नहीं है। खुद को सजाना-संवारना और अपनी देखभाल करना एक व्यक्ति का अधिकार होता है। जिसको लेकर रूप चौदस मनाई जाती है