हर गेन्द पर लग रहा है लाखों का दाँव
सिंगोली।जब से आईसीसी इंटरनेशनल टी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप का आगाज हुआ है तब से ही सिंगोली में शुरू हुआ क्रिकेट का सट्टा इन दिनों जोरों पर चल रहा है जिसके चलते हर गेन्द पर लग रहा है लाखों रुपये का दाँव लेकिन या तो कमजोर मुखबिर तन्त्र के कारण पुलिस की निगाहें नहीं पहुँची अथवा कहीं किसी की मिलीभगत से वर्ल्ड कप के क्रिकेट की सट्टेबाजी को संरक्षण दिया जा रहा है क्योंकि दोनों ही तथ्य स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर सन्देह जताने वाले साबित हो रहे हैं।गौरतलब है कि क्रिकेट सट्टे के तार न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि जिले के रतनगढ़,जावद,नीमच,मनासा सहित अन्य कस्बों और शहरों के अलावा पड़ौसी प्रान्त राजस्थान से भी जुड़े हुए हैं जो पूरी तरह से हाईटैक एवं डिजिटल साधनों का उपयोग कर रहे हैं।जानकर सूत्र बताते हैं कि एक मैच में ही एक करोड़ से ज्यादा का सट्टा कारोबार हो जाता है जबकि कई बार तो एक ही दिन में दो-दो मैच होने की वजह से सट्टेबाजी की रकम का यह आंकड़ा भी दोगुना हो जाता है।क्रिकेट सट्टेबाजी में सिंगोली के कई प्रतिष्ठित नामी गिरामी परिवारों से जुड़े लोगों के नाम की चर्चा है।क्रिकेट सट्टेबाजी से जुड़े सूत्रों की मानें तो पिछले रविवार को ही खेले गए भारत-पाकिस्तान के टी-ट्वेंटी क्रिकेट मैच में कई सटोरिए औंधे मुंह गिरे थे वहीं जानकारी मिल रही है कि अंतर्राष्ट्रीय टी-ट्वेंटी वर्ल्डकप के हर मैच में हर एक गेन्द पर हजारों से लेकर लाखों रुपए का दाँव लग जाता है।सिंगोली कस्बे में इस तरह सट्टेबाजी की सामाजिक बुराई के शिकार हुए लोग पहले भी आर्थिक रूप से बर्बादी की कगार पर जा चुके हैं।इस गोरखधंधे की खासियत यह बता रही है कि सट्टा बाजार में कदम रखने के बाद व्यक्ति गर्त में उतरता ही जाता है इसलिए समय रहते सार्वजनिक हित को दृष्टिगत रखते हुए ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जाना चाहिए।