नीमच। मंगलवार को शहर में तिलकुट चौथ का पर्व मनाया गया। इस दिन महिलाओं ने अखंड सौभाग्यवती होने का वर भी चौथ माता से मांगा है और घर में सुख शांति समृद्धि की कामना को लेकर सुहागिन महिलाओं ने इस व्रत को रखकर विशेष पूजा-अर्चना भी की है शहर के विभिन्न मंदिरों में महिलाओं ने चौथ माता की पूजा अर्चना कर कथा सुनी तत्पश्चात दोपहर में सूर्य को और शाम को चंद्र देव को अर्ध देकर व्रत खोला जाएगा। राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी दिलखुश नागदा ने जानकारी देते हुए बताया कि तिलकुट चौथ हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है जो मंगलवार को मनाया जा रहा है.इसे तिलकुट चौथ, तिलकुट चतुर्थी, संकटा चौथ और सकट चौथ भी कहा जाता है. पंचांग के अनुसार माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को तिलकुट चौथ मनाई जाती है इस अवसर पर शहर में अलग अलग स्थानो पर पर्व की कथा सुन सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है.खास बात यह है कि तिलकुट चौथ नए साल 2023 और माघ महीने का पहला पर्व भी है माघ माह की चतुर्थी तिथि भगवान श्रीगणेश को समर्पित होती है.ऐसे में तिलकुट चौथ के दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा और और व्रत रखा जाता है साथ ही इस दिन चंद्रमा पूजन का भी महत्व होता है.रात में चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलने की परंपरा रही है, तभी तिलकुट चौथ का व्रत संपन्न माना जाता है।चतुर्थी तिथि मंगलवार दोपहर 12:09 से बुधवार दोपहर 02:31 तक मानी गई है वहीं चंद्रोदय का समय मंगलवार को रात 8:50 मिनट का बताया गया है