सिंगोली(निखिल रजनाती)। स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर विद्यानगर में आज 14 फरवरी मंगलवार को मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ।वंदना सत्र में पांच अभिभावकों और उनके पुत्रों को बिठाकर पूजन किया गया।इस अवसर पर प्राचार्य रामलाल धाकड़ ने सर्वतीर्थ मयी माता सर्व देवोमय पिता वाले श्लोक की व्याख्या करते हुए बताया कि आप सौभाग्यशाली है जिनको ऐसे माता पिता मिले जिनके असीम सपने आप हैं। आपसे आपके माता पिता को बहुत उम्मीदें हैं उनके सपनों को पूरा करने के लिए खूब मेहनत करे क्योंकि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। सच्ची सेवा पूजा उनकी आज्ञा पालन करना और उनको सम्मान देना ही है। पाश्चात्य संस्कृति के कारण आज माता पिता बोझ बनते जा रहे हैं। वृद्ध आश्रम में जगह कम पड़ रही है। इसके पीछे कारण यह कि हमारी संवेदनाएं समाप्त होती जा रही है।संयुक्त परिवार समाप्त होते जा रहे हैं। दादा-दादी,नाना-नानी की कहानियां अब सुनने को नहीं मिलती है।हम आज पुनः हमारी सनातन परंपरा को बढ़ाए और माता-पिता परिवार में बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें। अंत में सभी भैया बहनों ने माता पिता की मानसिक रूप से पूजा की।