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मन तो केवल परमात्मा और गुरु के चरणों में ही शांत होगा-- आचार्य श्री विश्वरत्न सागर सुरेश्वर जी 

हरवार। प्रातः स्मरणीय पूज्य गुरुदेव आचार्य भगवन श्री नवरत्न सागर सुरेश्वर जी महाराजा के कृपा पात्र सूरी मंत्र आराधक महा मांगलिक दाता  लाखों युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत आचार्य भगवन श्री विश्व रत्नासागर सुरेश्वर जी महाराजा का मुंबई चातुर्मास के बाद मालवा की धरती पर पदार्पण हो रहा है . लगातार उग्र विहार कर रहे हैं। पूज्य गुरुदेव की निश्रा में नीमच नगर में 28 फरवरी से धार्मिक आयोजन होने जा रहे हैं गुरुदेव कांठल ने की धरा से मालवा की धरा में प्रवेश किया गुरुदेव आचार्य विश्वरत्न सागर महाराज साहेब आदि ठाणा का हरवार नगर में रविवार सायं 6:30 बजे ढोल धमाकों के साथ भव्य प्रवेश हुआ जहां नवरत्न परिवार जैन श्वेतांबर श्री संघ हरवार सहित हरवारवासीयो ने गुरुदेव की अगवानी की। रात्रि का ठहराव हरवार जैन उपाश्रय में हुआ। जहां शाम को 7:00 बजे प्रवचन का आयोजन हुआ। धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य गुरुदेव विश्व रत्ना सागर जी ने कहा इस संसार में चाहे जितना कुछ कर लो मन की कोई सीमा नहीं होती है शरीर की सीमा है पेट की सीमा है लेकिन मन की सीमा नहीं है प्रभु भगवान महावीर की वाणी को सुनाते हुए कहा कि इस संसार में हे आत्मा तू चाहे जितना भोग विलास कर ले चाहे जितना खा ले चाहे जितना पी ले चाहे जितना खेल ले चाहे जितना कुछ भी कर ले मन परमात्मा मैं लगाए बिना उद्धार नहीं होगा सभी व्यक्ति की चाह होती हैं कि मुझे सुख मिले। संसार की यही नीति है संसार का यही सिस्टम है आप चाहे जितना कर लो मन कभी नहीं भरेगा मन कभी शांत नहीं हो सकेगा मन तो केवल परमात्मा के चरणों में ही शांत हो पाएगा। गुरु के आशीर्वाद में मन शांत होगा। अच्छे शुभ कार्य करने से मन शांत होगा बस मन धर्म और परमात्मा में लगा ले।

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